बलियाः 19 अगस्त बलिया बलिदान दिवस शनिवार को धूमधाम से मनाया गया। बलिदान दिवस के बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रतिभाग किया। उन्होंने प्रतीकात्मक तौर पर सेनानियों के साथ जेल में गये, फिर जेल का फाटक खुला और सभी संग बाहर निकले। इस दौरान ‘भारत माता की जय‘ और वंदेमॉतरम के उद्घोष से पूरा जेल परिसर गुंजायमान हो उठा। जेल से बाहर निकलने के बाद डिप्टी सीएम श्री पाठक, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह समेत अन्य अतिथियों के साथ सेनानी राजकुमार ‘बाघ‘ की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। शहीदों के परिजनों को सरकार की ओर मिली सहायता राशि का प्रतीकात्मक चेक वितरित किया गया।
इस अवसर पर पुलिस लाईन के परेड ग्राउण्ड में भव्य जनसभा का भी आयोजन हुआ। जनसभा में डिप्टी सीएम श्री पाठक ने कहा कि बलिया साधारण धरती नहीं है। इसका अपना इतिहास रहा है। बलिया बलिदान दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर पूरे प्रदेश की ओर से यहां के वीर क्रांतिकारियों को नमन करता हूं। 1942 की क्रांति को साझा करते हुए कहा, गांधी जी के ‘करो या मरो‘ के नारे को यूं तो पूरे देश ने सुना, लेकिन बलिया के वीरों ने उसे हृदय से लगाकर आंदोलन में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। नतीजन, अंग्रेजों को उन क्रांतिकारियों के आगे झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि हम सबका अब यह कर्तव्य है कि इस आजादी को अक्षुण्य बनाए रखें।
*स्कूटी व कार देने की पहल को सबने सराहा*
परिहवन मंत्री दयाशंकर सिंह की ओर से एकमात्र जीवित सेनानी रामविचार पाण्डेय को चार पहिया वाहन तथा 75 सेनानी परिजनों को इलेक्ट्रिक स्कूटी देकर सम्मानित किया गया। डिप्टी सीएम ने सभी के हाथ में चाभियां सौंपी। उन्होंने परिवहन मंत्री के इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जिन्होंने देश की आजादी में अपनी जान दे दी, उनसे महत्वपूर्ण कोई हो ही नहीं सकता। इस अवसर पर उन क्रांतिकारियों के परिजनों के सम्मान की पहल अत्यंत सराहनीय है। सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ सहित अन्य अतिथियों ने भी इस पहल की सराहना की।
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