रेल का इंजन चुनाव चिन्ह की लोक प्रियता देख विरोधीयों की खिसक ने लगी जमीन-संजयउपाध्याय -नागरिक सुविधाओं और धरातलीय विकास की सोच के काफिले में शामिल हो रहे लोग,हो रहा संजय का स्वागत

बलिया। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के निर्दल प्रत्याशी संजय उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान परिवेश में नगर पालिका परिषद की इतनी दयनीय स्थिति हो गयी,नगर पालिका नरक पालिका बन कर रह गयी।जिसे लाइन पर लाना टेढ़ी खीर है। उन्होंने कहा कि जब-तक पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त नहीं किया जाता तब  तक नगर को स्वच्छ सुन्दर और आकर्षक बनाने का हमारा सपना पूरा नहीं होने वाला । इस दौरान नपा के पूर्व अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान समय में नगरपालिका क्षेत्र कोई भी काम मन  नहीं किया गया। नहीं तो नगर की इतनी दयनीय स्थिति नहीं होती। पूर्व में नपा चेयरमैन रह चुके लोग पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखे कि चुनावों में किये गये वादे क्य  वह धरातल पर कहीं है।  उसमें कितने प्रतिशत काम हुआ है।अब ऐसे ही प्रत्याशी समग्र विकास की बात कर रहे जो उनके मुंह से अच्छी नहीं लगती।श्री उपाध्याय ने कहा कि शहर में और नगर पालिका में भयावह स्थिति देखी जा रही है।  नगरपालिका में भय का माहौल बना हुआ है। कहा कि हमारे  नेतृत्व में नगर के प्रत्येक वार्ड में विकास समिति का गठन कर स्वच्छ, सुंदर और आकर्षक सिटी बनाने के लिए आप सभी सबका हमें योगदान चहिये । नगरपालिका क्षेत्र के लोगों को चाहिए कि वह एकजुट होकर नगर निकाय चुनाव में भी रेल का इंजन चुनाव निशान पर अपना समर्थन मत देकर हमें  अपना आशीर्वाद दें ।तभी नगर क्षेत्र में असल विकास संभव होगा। उनके जन सम्पर्क अभियान में श्री संजय उपाध्याय को लोगों का व्यापक समर्थन देख विरोधीयों के पांव के नीचे से जमीन खिसकती नजर आ रही है।इस अभियान में साथ रहने वालों में  विजय सिंह  श्रीकृष्ण मोहन सिंह, बबुआ सिंह,देशबंधु सिंह , विजय प्रताप सिंह शीपू सिंह, जयप्रकाश यादव, श्याम नारायण यादव  बूढा चौधरी, शिवजी यादव, वीर लाल ,पटेलजी अशोक पटेल, कृष्णा चौरसिया ,विपिन गुप्ता, संतोष गुप्ता, जमाल आलम, पिंटू जावेद,  अकबर अली,  उस्मान खान, मोनू खान, फिरोज अंसारी, सोहनजी श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, बब्लू गोड़ ,नंद जी गोड़, गंगासागर राय,  धीरज राय, अभिषेक राय, रवि मिश्रा उर्फ झब्बू मिश्रा  ज्ञानेंद्र पांडेय प्रमुख नेतागण और आम जन सैकड़ों की संख्या में साथ रहे।

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