बलिया। रुस युक्रेन युद्ध में विश्व के अन्य देश भारत को मध्यस्थता के लिए बार बार आमंत्रित कर रहे हैं, लेकिन भारत मध्यस्थता में नहीं विश्व में ऐसा माहौल पैदा करने के प्रयास में लगे हुए हैं।हम बैठक कर आपस में विचार विमर्श करके दोनों देशों के चल रहे युद्ध में विराम लगाने में भारत अपनी महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगा। उक्त उद्गार जेके त्रिपाठी पूर्व राजदूत भारत ने रूस युक्रेन संघर्ष एवं वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका विषयक सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किया। सेमिनार में मेजर जनरल आर जीआर तिवारी ने कहा कि अगर रूस यूक्रेन युद्ध लम्बा चला तो गुरिल्ला युद्ध की नौबत आ सकती है। मुख्य वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में डा.संजीव श्रीवास्तव रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि राष्ट्रवाद के विकास की दिशा भारत आने वाले समय में आत्म निर्भर हो रहा है। कहा कि रुस यूक्रेन में जैविक हथियारों के प्रयोग की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। सेमिनार के तकनीकी सत्र में डा.श्रीरामसिह सहित कई शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया। दूसरे में तकनीकी सत्र में विभिन्न अवयको पर शोध प्रस्तुत किया। इस संगोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों से आए अतिथियों का स्वागत आयोजन सचिव श्याम बिहारी श्रीवास्तव ने किया आभार प्राचार्य प्रोफ़ेसर गौरी शंकर द्विवेदी ने व्यक्त किया। संचालन डा.अजय विक्रम सिंह,एंव डा.शिवेश प्रसाद राय ने किया।
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