बलिया। बलिया हिंदी प्रचारिणी सभा के चलता पुस्तकालय के सभागार में समाज सेवी, शिक्षाविद् एवं पं. श्यामसुन्दर उपाध्याय की 182वीं जयन्ती मनाई गयी। जिसकी अध्यक्षता अशोक गुप्ता ने की। संचालन डॉ. शत्रुघ्न पाण्डेय ने की। वाणी वंदना काशी ठाकुर ने की तथा तबले पर अरविन्द कुमार उपाध्याय ने संगत किया। श्रीअशोक, मीरा तिवारी, भोलानाथ मिश्र एवं डॉ. शत्रुघ्न पाण्डेय मे माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया।
भोलाप्रसाद मिश्र ने अरविन्द कुमार उपाध्याय को अंगवस्त्रम् पुष्ममाला देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा श्यामसुंदर उपाध्याय संत समागम के लिए समर्पित रहे। इस अवसर पर काव्य गोळी का शुभारंभ शशिप्रेम देव ने अपनी गजल' लौट कर तू अगर नहीं आता। चैन फिर उम्रभर नहीं आता। हीरा लाल हीरा ने 'जड़बा लपकि के धरेला गरदना' गीत सुना कर वाहवाही लूटी। डॉ. कादम्बिनी सिंह के गजल 'बात जो हम से छुपाई जा रही है, सारी दुनिया को बताई जा रही है पढ़ कर मन्त्रमुग्ध कर दिया। शिवजी पाण्डेम संग' ने ठंड घमण्ड में होइ प्रचंड लाखेदि सतावत बारे' छन्द सुना कर तालियां बटोरी। फतेह चन्द बेचैन अखिलेश तिवारी, मोहन श्रीवास्तव, अमन राज सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, धर्मक गुप्ति, सत्यप्रकाश पाण्डेय, आनन्द वर्मा, विष्णुदेव पाण्डेय आदि ने भी काव्य पाठ किया ।अन्त में आभार पीयूष उपाध्याय एवं सिद्धार्थ शंकर ओझा ने किया।
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