बलिया। बाबा साहब डा. भीम राव आम्बेडकर के 66वें परिनिर्वाण दिवस के पूर्व संध्या पर गंगा बहुद्देश्यी सभागार में सोमवार को आयोजित “ सविंधान उद्देशिका और धर्म-जाति” विषय पर आयोजित सेमीनार आयोजित हुई। जिसमें मुख्य वक्ता अनिल चमड़िया ने कहा कि एक सोची-समझी राजनैतिक चाल के तहत डा. आम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस 6 दिसम्बर को बाबरी मजिस्द नहीं बल्कि संविधान गिराया गया था। उन्होने कहा कि धर्म की सत्ता चलाने के लिए जातिा की व्यवस्था मजबूत की जा रही है। बाबा साहब संविधान धर्म और जाति की आजादी का स्वतंत्रता देता है। संविधान ने उच्च नीच नहीं बल्कि लोगों को बराबरी का दर्जा दिया है। इस देश में दलितों, आदिवासियों तथा महिलाओं ने अपने आपको नागरिक होने का बोध किया है, वह सविधान की वजह से। उन्होंने कहा कि मनुष्य की चेतना को रिमोर्ट से चलाया जा रहा है। धर्म और जाति के बर्चस्व को तोड़ना और देश के नागरिकों का उनका अधिकार दिलाना ही संविधान का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम में अधिवक्ता बीएम सिंह, श्रीराम चौधरी, बसन्त सिंह, तेज नारायन, डा. ओपी सिन्हा, बृजेश बौध, डा. एम इलियास, रामकृष्ण यादव,, बलवन्त यादव, हरेन्द्र राम राजन कन्नौजिया, साथी रामजी गुप्ता, रामलगन बैध, अनिल कुमार, लक्ष्मण यादव, अरविन्द गोंडवाना, डा. वीरेन्द्र यादव, अमलावती, सुनीता देवी आशा देवी सहित आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रणजीत सिंह एड. , संचालन कार्यक्रम के संयोजक शैलेश धुसिया ने किया।
0 Comments