बलिया।नगर पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष संजय उपाध्यास ने नगर पालिका प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान तत्कालीन सरकार के नगर विकास राज्यमंत्री नारद राय के प्रयास से पांच जनरेटर नगर पालिका बलिया को उपलब्ध कराया गया था। जो बिजली कटौती के दौरान नगर में पेय जल आपूर्ति बहाल रखने का काम करते थे। आज तीन दिन की बिजली कटौती के दौरान ने जनरेटर कापता है, पता नहीं चला है कि वह पांच जनरेटर आखिर गए तो कहां गए। उन्होंने जिला प्रशासन से नपा पांच जेनरेटरों के गायब होने सहित , समस्त मामले की जांच कराकर गायब जेनरेटरों का पता लगाने के साथ दोषियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।आजशहर की जनता पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रही थी, पंपिंग सेट में जोड़ दिया गया था, जो बरसात के समय उनि जिल्ला प्रशासन से मांग की है इस पूरे मामले की जल जमाव होता था तो जल निकासी का कार्य करते थे। शेष तीन जनरेटर 50 से 75 केबीए के बड़े
में बातचीत में पूर्व चेयरमैन जनरेटर थे, एक जनरेटर से दो बड़े ट्यूबेल चलाकर नगर को पेयजल संकट से निजात दिलाया जाता रहा है। संजय उपाध्याय ने कहा कि जो पांच जनरेटर नगर जलापूर्ति बहाल करने का काम किया जाता था। नपा बलिया को मिले थे, उसमें दो 15-15 केबीए छोटे जेनरेटर थे, जिसमे जगदीशपुर में एक जनरेटर लगाया गया था. दूसरे छोटे जनरेटर थे, जिनको ट्राली पर स्थापित करके यह जनरेटर जगदीशपुर और बिशुनीपुर धर्मशाला मोड़ के ट्यूबवेलों को जोड़ कर चलता जाता था।इसी तरह दूसरा जेनेरेटरनारायणी सिनेमा हॉल के बगल में लगा गया था, जिससे नारायणी के बगल वाले ट्यूबेल एवं भृगु मंदिर के पीछे का तीसरा जनरेटर पुरानी तहसील के सामने सिविल लाइन में लगाया गया था, जिससे सिविल लाइन इलाके में जलापूर्ति के लिए ट्यूबेल चलाया जाता था। श्री उपाध्याय ने कहा कि क इ वर्षों तक यह जनरेटर अस्ति में थे और बिजली संकट गहराने पर नगर की जलापूर्ति बाधित नहीं होती थी। उन्होंने जिला प्रशास से मांग किया है कि इतने बड़े बिजली संकट के दौरान नगर की जनता पानी के लिए परेशान हैं लेकिन जनरेटर कहाँ थे क्यों नहीं गए इस प्रकरण की प्रशासन जांच होनी चाहिएं और इसके लिए दोषियों के विरुद्ध जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी होगी।
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