बलिया।सोबईबांध स्थित अमर सेनानी वृन्दावन मिश्र स्मृति परिसर मे सेनानी श्री मिश्र के स्मृति दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्मृति सभा को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकतंत्र सेनानी पाण्डेय गोविन्द ने कहा कि विचारों की भिन्नता ही जीवित समाज और लोकतंत्र की पहचान है। संघर्ष की ताकत को समाज पहचाने और उसे मरने न दे। यह जीवित समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने राजनैतिक कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा कि राजनीत भोग की नहीं योग की चीज है। इस योग के के लिए संघर्ष और उपवास का रास्ता चुनना होगा। लार्ड मैकाले की शिक्षा व्यवस्था को बदलने की मांग करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि शिक्षा ने ही देश के बड़े नेताओं और सेनानियों का जन्म हुआ है।जिस शिक्षा को व्यापार बनाकर अपने मूल से ही काटने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो समाज अपने पुरखों को और उनके संघर्षो को याद नहीं करता वह समाज मिट जाता है। देश के बलिदानियों को हमारे देश की सरकारें और राजनीतिज्ञों नेताओं द्वारा उचित सम्मान नहीं दिया।निर्भिक पत्रकारिता के लिए वरिष्ठ पत्रकार दिग्विजय सिंह को और सतना मध्य प्रदेश के वरिष्ठ समाजवादी कुंज बिहारी अग्निहोत्री नेती जी को सम्मानित किया गया।समारोह में अजय बहादुर सिंह, रविन्द्र नाथ पाण्डेय, परमात्मा नन्द पाण्डेय, संतोष कुमार शुक्ल, राम गोविन्द प्रजापति, लक्ष्मण यादव, अशोक राय, राजकुमार पाण्डेय, डॉ० वीरेन्द्र राय, विजय शंकर चौबे, वासुदेव ठाकुर, राघव, स्वतंत्र देव, चन्द्रीका पासवान, ओमप्रकाश पाण्डेय आदि ने सम्बोधित किया। स्वागत गीत विद्यालय के बच्चों ने गाया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी शुभाशु शेखर पाण्डेय, संचालन द्विजेन्द्र कुमार मिश्र तथा आभार डॉ० श्याम नन्दन मिश्र ने किया।
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