बलिया। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति उप्र का दो दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन मंगलवार को टाउन हॉल में हुआ । सम्मेलन में 15 जिलों के 107 प्रतिनिधियों ने सहभाग किया । सम्मेलन में बोलते हुए राष्ट्रीय महासचिव मरियम धावले ने कहाकि संविधान के स्थान पर मनुस्मृति को लाने की सरकार की साज़िश कर रही है। उन्होंने बिलकीस बानो का उदाहरण देते हुए कहा कि सांप्रदायिक विचारधारा वाली सरकार जाति धर्म के अनुसार अपराध और अपराधियों की सजा तय करती है, जो बहुत ही खतरनाक है। जिसका महिलाओं और दलितों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है
मरियम ने देश की परिस्थितियों की चर्चा करते हुए कहा कि आज हमारे देश की गिनती दुनिया के सबसे भूखे देशों में हो रही है किन्तु हमारे देश के प्रधानमंत्री के खास मित्र अडानी आज दुनिया का तीसरा नम्बर केअमीर आदमी हो गये हैं । कोरोना काल में आम जनता की हालत बद से बदहाल हो गई, किन्तु देश के कुछ अमीर घरानों की आमदनी कई गुना बढ़ गई। जो स्पष्ट करती है कि केंद्र में बैठी सरकार और उनकी विचारधारा की सरकार अमीर परस्त नीतियों और नफ़रत की राजनीति को आगे बढ़ा रही है। कहा कि देश के संविधान और लोकतंत्र पर हमला कर रही है । उप्र की योगी सरकार कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का ढोल पीटती है,किन्तु आये दिन प्रदेश में हो रही वीभत्स हिंसा की घटनाएं इस दावे की पोल खोलतीं हैं। सम्मेलन में 39 प्रतिनिधियों ने बहस में हिस्सेदारी किया । राशन , महिला हिंसा , दलितों पर बढ़ता उत्पीड़न , मनरेगा , सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के मुद्दे मुख्य रूप से उभरकर सामने आये । सम्मेलन में पांच प्रस्ताव रखे गए जिनमें " सांझी विरासत , सांझी संस्कृति " मंहगाई के खिलाफ , नागरिक अधिकारों की रक्षा करो , लोकतंत्र बचाओ , संविधान बचाओ " नफ़रत के खिलाफ सद्भभावना के पक्ष में पांच प्रस्ताव पारित किए गये।
सम्मेलन का एक बहुत महत्वपूर्ण क्षण था जब तीस्ता सीतलवाड़ का शुभकामना संदेश प्रतिनिधियों को सुनाया गया । तीस्ता ने जनवादी महिला समिति को जनवादी महिला समिति को उनके संघर्षों में एकजुटता दिखाने के लिए धन्यवाद दिया ।
सम्मेलन के अंतिम सत्र में 31 सदस्यीय राज्य कमेटी का चुनाव हुआ जिसमें 11 पदाधिकारियों का चुनाव हुआ । प्रदेश महामंत्री सीमा कटियार , अध्यक्ष सुमन सिंह , कोषाध्यक्ष नीलम तिवारी, उपाध्यक्ष मधु गर्ग , वंदना राय , सरोज सिंह व , रज़िया नकवी तथा सह सचिव लालमनि , सुशीला , माया , सुधा सिंह चुनीं गईं । केरल में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए 15 प्रतिनिधियों का चुनाव का चयन किया गया।
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