जाति-धर्म को देखकर अब मिल रहा है न्याय: सुभाषनि अली -अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के दो दिवसीय 12राज्य सम्मेलन के पहले दिन शुरू

बलिया ।भाकपा पोलिट ब्यूरो व पूर्व सांसद सुभाषनि अली ने कहा कि आज की सरकार ने संस्थाओं की स्वयत्रा को समाप्त कर रही है। जो लोकतंत्र की जगह राजशाही और तानाशाह को पैदा करता है। संविधान पर हमला इस से रहा है कि न्याय की परिभाषा ही बदल गयी है। अब जाति और धर्म को देखकर न्याय हो रहा है। 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री ने नारियों के सम्मान को बात की और उसी दिन गुजरात में उनकी सरकार ने बिलकिस बानो कांड के दोषियों को रिहा कर उनकी पुजा किया गया । वहीं जघन्यतम अपराध की कोटि में आने वाले इस कांड के दोषियों को महिमा मंडप किया गया। नफरत को इस तरह हम लोगों के मन में बैठा दिया गया है कि महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आभूषण जैसे लगने लगे है। उक्त उद्गार वे टाउन हाल में आयोजित अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के दो दिवसीय 12वें राज्य सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थी।इस अवसर पर राष्ट्रीय सचिव मरियम ढ़ावले ने कहा कि आज हमने विकास इस तरह किया है कि भारत भूख के मामले में दुनिया का नम्बर वन देश बन गया है। भूख का सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। सरकार के निजीकरण की नीति इसे और बढ़ावा दे रही है। इसके पूर्व महिलाओं ने चन्द्र शेखर आजाद पार्क से जुलूस जुलूस की शक्ल में टाउन हाल पहुंचा। जहां सभा में परिवर्तित हो गया। कार्यक्रम में सीमा कटियार, मधु गर्ग, सलमाना सिद्दिकी, वंदना आदि मौजूद रही। अध्यक्षता पूर्णिमा गुप्ता ने किया।

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