बलिया ।सन् 1942 जन क्रांति के अग्रदूत संग्राम सेनानी शेरे बलिया से चित्तू पांडेय की 127 वी जयंती श्रद्धापूर्वक मनायी गयी। इस अवसर पर नगर के चित्तू पांडेय चौराहे पर स्थित उनकी प्रतिमा पर सैकड़ो लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। उपस्थित लोगों ने शेरे बलिया अमर रहे अमर रहे के नारे गुंजायमान रहे। साथ ही आज के युवा ओ से उनके बलिदानों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता निर्मल उपाध्याय ने कहा कि शेरे बलिया ने आजादी की जंग में अंग्रेजों के दांत खट्टे किए और बलिया को प्रथम जिलाधिकारी के रूप में स्वतंत्रता दिलाने का जो काम किया। जिसके लिए हम बलिया वासी उनके हमेशा ऋणी रहेंगे । आने वाले दिनों में भारत को ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने के लिए हम सभी कृत संकल्पित हैं। भारत के सर्वांगीण विकास के लिए उनके बताए रास्ते पर चलने का कार्य करेंगे। देश में बलिया का गौरवमई इतिहास रहा है जिस से आने वाली पीढ़ियों को रूबरू कराने हेतु शेरे बलिया श्री चित्तू पांडेय की जीवनी को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने का भी सुझाव वक्ताओं ने दिया। इस अवसर पर चंद्रशेखर पांडेय, विजय शंकर पांडेय, ललन पांडेय,रामकिंकर सिंह ,मणिनाथ तिवारी, उमाशंकर पाठक,मुन्ना उपाध्याय वंश रोपण पांडेय, करुणा निधि तिवारी,हीराराम उषा सिंह, विनय पांडेय, शाहिद अली, जाकिर हुसैन, अवधेश पाण्डेय, कन्हैया लाल श्रीवास्तव, अमित दुबे, प्रशांत पांडेय रिशु, चिराग उपाध्याय, दिग्विजय तिवारी, नीरज कुमार संदीप कुमार, अतुल पांडेय, दुर्गेश सिंह, राहुल चौबे,अशोक मिश्रा, रजत पांडेय, निहाल पांडेय, अभिषेक पांडेय, चुनमुन ,पंकज पांडेय ,सौरभ पांडेय ने सभी अतिथियों का जैनेन्द्र कुमार पांडेय मिंटू ने आभार व्यक्त किया।
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