मानवता को कर्तव्य पथ प्रेरित करना चुनौती-रामाशंकर तिवारी

बलिया। गंगा की हिफाजत के प्रति मानवता को कर्तव्य पथ पर प्रेरित करना पर्यावरण की प्रमुख चुनौती है। गंगा योग है भोग नहीं। पतित पावनी को गंदा नहीं करना भी गंगा की समकालीन पुजा है। उक्त उद्गार गंगा मुक्ति अभियान के प्रणेता रामाशंकर तिवारी के हैं। वह शनिवार को आध्यात्मिक चिंतन संस्थान मिश्र नेवरी स्थित कैंप कार्यालय पर  पानी पर आयोजित गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि पूर्वांचल में गंगा नदी में गिरने वाले गंदे नालों को रोकने के लिए संवैधानिक एवं सामायिक तथा प्रसांगिक व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि गंगा भारत की आत्मा तथा विश्व की अनुपम थाती है। जिसे संरक्षित करना भी राष्ट्रीय कर्तव्य है। कहां पश्चिमी संस्कृति के बढ़ते प्रचलन से भी नदी की सभ्यता को हानि पहुंच रही है। उच्च शिक्षा में भी गंगा प्रदूषण को शामिल न किया जाने के लिए सरकार को  जिम्मेदार ठहराया।  गंगा के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत बतायी। उस विषय पर अन्य विद्वानों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

Post a Comment

0 Comments