सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का जिले के दवा व्यवसायियों ने किया स्वागत

बलिया। सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने देश की दवा कंपनियों के उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए रोगी पर्ची में अपने उत्पाद को अधिक से अधिक लिखने के एवज चिकित्सकों कोआकर्षक उपहार जिसमें चिकित्सकों की विदेश यात्रा वाहन एवं अन्य सुख सुविधा शामिल है दिए जाने को प्रतिबंधित किया है। इस संबंध में नगर के जनपद व्यवसायियों से जब उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो अधिकतर दवा व्यवसायियों ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इससे गरीब और आशा है मरीजों के साथ ही आम मरीजों को भी राहत दिए जाने वाला फैसला करार दिया। इस संबंध में दवा देवी संगम की प्रिया तिवारी ने कहा कि चिकित्सकों में मरीजों के रोग के अनुसार आवश्यक दबाव को छोड़कर पर्चा सजाने के लिए लिखे जाने वाले दवाओं से निजात मिलेगी फैसला स्वागत योग्य है। बलिया केमिस्ट एंड ड्रजिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री बब्बन यादव ने फैसले का स्वागत करते हुए इससे जनहित कारी बताते हुए कहा कि अब चिकित्सक भी मरीजों को रोग के हिसाब से दवा लिखेंगे उन्होंने यह भी बताया कि फाइजर हिमालया डाबर ऐसी कंपनियां हैं जो अपने दवाओं के लिए एक फूटी कौड़ी ही नहीं देती बल्कि रोग और रोगियों से संबंधित लिटरेचर उपलब्ध कराकर उन्हें दवा लिखने के लिए करती है इस फैसले से आम मरीजों को राहत मिलेगी और पीडी कंपनियों से आम लोगों को राहत मिल सकेगी। 7टू11 की प्रोपराइटर चंदा परवीन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है इससे मल्टी नेशन दवा कंपनियों की दवाओं की कीमत भी कम हो जाएगी, जिससे आम मरीजों को उपचार कराने में सस्ती दवाई आसानी से मिल जाएंगी ,और मरीज आसानी से निरोग हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस अद्वितीय फैसले का जितना भी स्वागत किया जाए कम है। स्टार फार्मा के प्रोपराइटर हाजी मुमताज ने कहां की सुप्रीम कोर्ट का फैसला जिस परिपेक्ष में दिया गया है जिसमें अपील करता ने चिकित्सकों को दिए गए उपहार से बिक्री कर में छूट दिए जाने की मांग की थी इसके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय ने चिकित्सकों को किसी तरह का उपाहार देने को प्रतिबंधित किया है जो सराहनीय कदम है। दवा व्यवसाई संगठन के वरिष्ठ व्यवसाय रविंद्र वर्मा ने कहा कि चिकित्सकों की लालच समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ठोस कदम उठाए हैं जिसकी जितनी सराहना की जाए कम है। उन्होंने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि चिकित्सकों द्वारा मरीजों के मरज के हिसाब से दवा लिखने में आसानी होगी और आम मरीजों को मल्टी नेशन कंपनियों की दवाएं आसानी से सस्ते दरों पर सुलभ हो सकेगी। यह एक सराहनीय फैसला है जिसका स्वागत है।

Post a Comment

0 Comments