बलिया। पूर्वांचल के ददरी मेले में झूला झूलते समय एक महिला सहित चार मेलार्थियों महिलाओं को चक्कर और उल्टी आने से बेहोश हो गयी जिन्हें पुलिसकर्मियों ने मीना बाजार थाने पहुंचाया। जहां मेला थाना प्रभारी नंदकुमार तिवारी के द्वारा दुकानदार से चारपाई मांग कर लेटाया गया। इस संबंध में नगर पालिका परिषद द्वारा मेलार्थियों के लिए न तो अबतक समुचित प्रकाश की व्यवस्था की गई है और ना ही महिलाओं के लिए शौचालय की सुविधा के साथ ही पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी तक मीना बाजार की दुकानों को बिजली का कनेक्शन तक शत प्रतिशत उपलब्ध नहीं कराया गया है ।इसके बाद उन्होंने बताया कि किस किस कमीको गिनाया जाये। जब मेले की ऐतिहासिकता को बचाने का कोई प्रयास ही नहीं हो रहा है, बल्कि दुर्व्यवस्थाओं की वजह से इस वर्ष मेले में कुछ बाहरी दुकानदार आ गए हैं शायद वे अगले साल मेले में आने की हिम्मत जुटा पाये।भीड़ तो मेला देखने के लिए आयी, लेकिन आधा अधुरा मेला और मेले की भूमि के समतली करण न कराये जाने को लेकर मेलार्थी कोसते जरुर दिखायी दिये। इस सम्बन्ध में हनुमानगंज कस्बा निवासी वैष्णवी सिंह ने कहा कि पिछले साल मेला छोटा ही था मगर पूरे मेले में इस तरह की उबड़-खाबड़ जमीन नहीं थी, जैसा कि आज मेले में देखने को मिल रही है,मेले भूमि पर पानी का छिड़काव तक नही किया जा रहा है। सुखपुरा कस्बा निवासी आशा यादव ने कहा कि हर चार पांच मेले की दुकानों के पीछे हैण्ड पम्प के साथ ही शुद्ध पेयजल की नगर पालिका परिषद की ओर उपलब्ध कराया जाता करता था परंतु इस बार के ददरी मेले में पेयजल के लिए मेलार्थियों को दर दर भटक रहे हैं। रसड़ा कस्बा निवासी सालिग कुमार पटेल के कहा कि प्रशासनिक दुर्व्यवस्था के चलते अभी मेला में आये व्यापारी बन्धु भी अपनी दुकानें सजा नहीं सके। जिसके चलते मेले में आये ग्राहक वांछित सामानों की खरीदारी से वंचित होने के बाद आयोजको को कोसते नजर आ रहे थे।
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