खुशी उत्पन्न करने वाले हार्मोन को केवल आयुर्वेद के माध्यम से ही विकसित किया जाना सम्भव है।जो हमारा तन को दूसरों को आन्नदित करने से जो खुशी या आनन्द मिलता है।शरीर की ऊर्जा को दिशा देने में हमें मानसिक सोच का सार्थक प्रयोग करना चाहिए। इसके पूर्व भगवान धन्वंतरी की पुजा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर के सभागार में श्रद्धा के साथ की गयी। जयन्ती समारोह को विशिष्ट अतिथि प्रो०मनोरंज साहू,प्रो० डीएन पाण्डेय बीएचयू डा०रमन सिंह नाड़ी यन्त्र,डा०विनोद कुमार गुप्ता सहारनपुर ने अपने विचार व्यक्त किए। जयन्ती के अवसर वर्तमान परिवेश में रोगों का बदलता स्वरूप विषयक गोष्ठी में आयुर्वेद चिकित्सकों ने अपने विचार व्यक्त किए। समारोह के अन्त में अतिथियों को अंगवस्त्रम, और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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