थानेदार चाहे तो अपराधों में कमी और कानून का राज स्थापित हो सकता है? -शाहिन अफरोज प्रकरण में मनियर थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध!

बलिया। सरकार चाहे कितने सख्त  कानून बनाती जाये, फिर भी उल्लंघन करने वाले समाज के सफेद पोश अपराधियों के हौसले कम क्यों नहीं हो रहे हैं,यह गम्भीर विषय है। तीन तलाक पर केंद्र सरकार को भले  ही कानून बनाकर लागू करने को अपनी उपलब्धियों के रुप में प्रचारित, प्रसारित करती रहे और प्रदेश के मुखिया अपराध मुक्त होने का दावा करती रहे, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत क्या है ।इससे सैकड़ों आम नागरिक रोज प्रभावित  हो रहे है, इस सच्चाई को स्वीकार करना ही होगा।  वहीं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में भी इस कानून के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि ऐसे अपराधों पति को तीन तलाक देने पर 3 साल की सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।  बावजूद इसके ऐसे घरेलू अपराध पर रोक लगाने और ऐसे अपराधियों को सजा दिलाने में सरकारी तंत्र पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। जनपद में आए दिन ऐसे सख्त कानूनों की हौसल बुलन्द अपराधियों द्वारा खुलेआम ऐसे कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ऐसीही एक घटना  मनियर थाना क्षेत्र के चोरकैण्ड की निवासी शाहिन अफरोज के साथ हुई जहां तसलीम शेेेख हबीबी नामक  पति ने अपनी पत्नी शाहिन अफरोज निवासी चोर कैंड थाना मनियर में पति तसलीम शेख हबीबी के  खिलाफ जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र देकर न्याय  के लिए गुहार लगाई है । पीड़ित पत्नी ने पति हबीबी पर दहेज की रकम अदा न करने की वजह से उसे  एक बच्ची के पैदा होने के बाद भी  ३ तलाक दे दिया। तीन तलाक़ देकर घर से बाहर निकाल दिया।वहीं उन्होंने अपने पति के भाई डॉ० कलीम वारसी निवासी सुखपुरा थाना सुखपुरा पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है ।

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