बलिया। जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट सभागार में प्रशासनिक व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर बचाव-राहत कार्याें की समीक्षा की। बाढ़ प्रभावित इलाकों में समय से राहत सामग्री, पका-पकाया भोजन के पैकेट, स्वच्छता, मानव व पशु सुरक्षा के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धता और दवा किट का वितरण आदि के सम्बन्ध में कड़े निर्देश दिया। उन्होंने जिला प्रशासन की तैयारियों पर संतोष जताया और डीएम के नेतृत्व की सराहना की।
जलशक्ति मंत्री श्री सिंह ने कहा कि जनपद को बाढ़ से बचाने के लिए सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ीहै। यहां भेजें गये सभी प्रस्तावों को स्वीकृत किया जा चुका गया है। सबसे अहम बात यह है कि बचाव कार्य के लिए जो धनराशियां मांगी गयी थी उसे मुख्यमंत्री ने जनवरी में ही जिलों में भेज दिया था ताकि समय से राहत कार्य पूरा किया जा सके।समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तैयारी में अब भी कोई कमी रह गयी है तो उसे तत्काल पूरा कर लें। जहां पानी आ गया है वहां तो तैनात रहें ही, जहां पानी आने वाला हो, वहां के लिए भी तैयारी कर लें। अनुमन्य राहत सामग्री का वितरण युद्धस्तर पर किया जाये। इसलिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में विस्थापित परिवार को पका पकाया फुड पैकेट दिया जाए। जरूरतमंदों को साड़ी और अन्य जरूरी कपड़े भी दिया जाये । इसमें सामाजिक संस्थानओं से सहयोग भी लें। शुद्ध पेयजल सबसे जरूरी सेवाओं में एक है, इसलिए आवश्यकता पड़े तो बड़े गैलेन के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रयास करें। जलभराव वाले क्षेत्रों में बिजली काट दी जाती है, ऐसे में वहां प्रकाश व्यवस्था के लिए टार्च, मोमबत्ती, लालटेन, मिट्टी तेल, इमरजेंसी लाईट की व्यवस्था जरूर कर लें। टापू बने गांवों में जनरेटर के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। हर गांव में एकाध बैट्री की व्यवस्था कर दें, ताकि लोग मोबाइल चार्ज कर सकें।उन्होंने सीडीओ को निर्देश दिया कि पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, निगरानी समिति व स्वच्छता समिति को आपस में समन्वय बनाकर गांव में बैठकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान कराने का प्रयास करें। बाढ़ प्रभावित हर गांव में एक-एक नोडल तैनात कर उनकी जवाब देही तय कर दिया जाए। डीपीआरओ को निर्देश दिया कि स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें ताकि संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। एडीएम से कहा कि कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहे और उस पर आने वाली सूचना पर तत्काल रिस्पांस मिले।बैठक में बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे क्षेत्र के 8 गांवों की करीब 25 से 30 हजार आबादी बाद से प्रभावित है। लेकिन, सुदूर इलाकों में भुवालछपरा और नौरंगा के लोगों को कस्बों में आने के लिए दो घंटे नाव से आना पड़ता है। इसलिए वहां चिकित्सा की समुचित व्यवस्था सबसे जरूरी है। क्षेत्र में सचल मेडिकल टीम भी रहे। विधायक ने बीएसटी बंधे के डेंजर जोन एनएच-31 पर रामगढ़ के पास रिस्की प्वाइंट को बताते हुए कहा कि अगर एनएच टूटा तो बड़ी तबाही होगी। इस पर जलशक्ति मंत्री ने बाढ़ खंड के एक्सईसन को पूरी ताकत लगाकर वहां अलर्ट रहने का निर्देश दिया। बेल्थरारोड विधायक धनन्जय कन्नौजिया ने कोईरी मुहान ताल को जल संरक्षण केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की। बैठक में जिलाधिकारी अदिति सिंह, एसपी डाॅ० विपिन ताडा, सीडीओ प्रवीण वर्मा, एडीएम रामआसरे सहित सिंचाई व बाढ़ खंड के अभियंता मौजूद रहे। उन्होंने इंजिनियरों से तटबंधों पर कैम्प करने और मानव संग पशुओं की भी चिन्ता करने के साथ ही सीएमओ से कहा कि सभी सीएचसी-पीएचसी पर स्टाॅफ तैनात रहे। हर बाढ़ चैकी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जरूरी दवाओं के साथ तैनात रहे। कहा कि गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानी बरतनी है, इसके लिए जागरूक किया जाए।कहा कि
वायरलेस सेट के साथ सिपाही हर गांव में रहें।- मंत्री श्री सिंह ने पुलिस अधीक्षक डाॅ० विपिन ताडा से कहा कि बाढ़ के समय गांवों से सम्पर्क टूटने की आशंका रहती है। ऐसे में हर प्रभावित गांव में वायरलेस सेट के साथ सिपाही हर समयरहेंउन्होंनेएनडीआरएफ-एसडीआरएफ जवानों की सुविधा का ध्यानरखें।उन्हें समयसेभोजन-पानी एंव संसाधन मिले।
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