बलिया। रामगढ़ ने गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ाओ होने के कारण गंगा का पानी निचले इलाके में तेजी से फैल रहा है। जिससे तटवर्ती लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। केंद्रीय जल आयोग गायघाट केंद्र पर गंगा का जलस्तर 54.04 नीचे दर्ज किया गया है ।गंगा प्रति घंटा 4 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है ,वहीं दूसरी तरफ एन एच 31को बचाने के लिए बनाए जा रहे 3 स्परों का निर्माण कार्य फिलहाल ठप पड़ा हुआ है, जिसके कारण गंगाके तटवर्ती लोग बाढ़ और कटान की आशंका से लोग भयभीत नजर आ रहे हैं। तटवर्ती क्षेत्रों में कटान से लोगों को में दहशत देखी जा रही है। थोड़ी बहुत कसर वर्षा से भी पूरी हो रही है, बची खुची सब्जी की फसलें बाढ़ की जद में निचले हिस्से में डूबने लगी हैं। हालांकि अभी रामगढ़ से मझौवा के निचले हिस्से में पानी का फैलाव हो रहा है। यहां चेतावनी बिंदु 56.615 मीटर और खतरा बिंदु संता 57.615 मीटर है, उच्चतम बिंदु 60.390 मीटर है। गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ाव को देखते हुए तटवर्ती गांव के लोग अब रतजगा करने लगे हैं। भुसौला, नरदरा,जगदीशपुर, गड़ेरिया और सिमरिया बिंद बस्ती तक जब भी पछुआ हवा की रफ्तार तेज होती है तब इन गांवों के सामने कटान की आशंका से लोग सिहर उठा रहे हैं । विगत2 हफ्ते के अंदर सैकड़ों एकड़ भूमि पर बोई फसल कटान की जद में आकर गंगा में विलीन हो गई है। जगदीशपुर भुसौला गांव के सामने करोड़ों रुपया खर्च कर 14 ठोकरें बनाई गई थी। वह ठोकर 1985 में ढह कर नदी में विलीन हो गई। जब भी कटान पीडित अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाते हैं तो यही आश्वासन मिलता है कि शासन को लिखा गया है। लेकिन जवाब कब आएगा और कटान से निजात कैसे मिलेगी इस संबंध में ना तो अधिकारी और ना ही जनप्रतिनिधि कोई समुचित उत्तर दे पा रहे हैं ।जिससे यह माना जा रहा है कि अबकी बार बाढ़ आई तो शेष बचे गांव और बोई गई फसल गंगा में विलीन हो जाएगी। प्रशासन केवल दौरे कर रहा है उपाय नहीं।जिसे लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
0 Comments