बलिया। सच की स्याही से सरकारों के भ्रष्टाचार, कोरोना कुप्रबंधन, बदइंतजामी से हुए नरसंहार, झूठे दावे, हवाहवाई घोषणाओं की पोल खोलने वाले मीडिया संस्थान भारत समाचार और उसके एडिटिंग एन्ड चीफ श्री ब्रजेश मिश्र एवं स्टेट हेड श्री वीरेंद्र सिंह के कार्यालयों तथा दैनिक भास्कर के ठिकानों पर देशव्यापी इनकम टैक्स के छापे को निंदनीय घटना बताया है। समाचार एजेंसियों पर इस प्रकार के छापे लोकतांत्रिक ढांचे को बर्बाद कर देंगे।समाचार पत्र और एजेंसियां समाज के मुख्य कमियों को उजागर करने के लिए बहुत जरूरी है तथा जन सरोकार की बाते उठाना उनका काम है। सरकार सीख लेते हुए सुधार कार्य करती है, लेकिन वर्तमान सत्ता सत्य से डरने वाले लोगो की है,जो सरकारी तोते जैसे cbi, it और ED के बल पर सत्ता में बने रहना चाहती है आज की सरकारें लोकतांत्रिक ढांचों को चोट देने वाले लोगो की है । वर्तमान सच्चाई से मुंह फेरने वाले लोगो की है।पूंजीपतियों की हितैषी सरकार जनहित के मुद्दों से मुंह फेर चुकी है ।अब जो कोई भी जनता की आवाज़ उठायेगा और लोगो तक पहुचाने का प्रयास करेगा उससे घबरा कर बर्तमान सत्ता जो स्वयं सत्ता के मद में सरकार की कठपुतली और मशीनरियों द्वारा तंग करने का काम कर रही है।
उक्त उद्गार नेताप्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी की है उन्होंने गुरुवार को जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सरकारी मशीनरियों द्वारा डराने धमकाने और सत्य को उजागर करने से रोके जाने के उद्देश्य से छापे डाले गए यह शर्म की बात है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने आपात काल का भी समय देखा है उस आधार पर कह सकता हूं कि ऐसी निरंकुश और डरपोक सरकार देश मे आज़ादी के बाद अब तक नही आई थी ।इस सरकार का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों में कोई विश्वास नही रह गया है। इसका विश्वास सिर्फ नागपुर में बैठे आकाओं और उनके देश विरोधी एजेंडे में है। मैं लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की जुबान एव लेखनी बंद कराने के उदेश्य से की गई इस छापेमारी की कार्यवाही की कड़े शब्दों में निन्दा करता हूं। और सरकार को आगाह करना चाहता हूँ कि ऐसी कार्यवाहियों से ही समाज मे क्रांति फूटती है और जब -जब क्रांति होती है उस काल मे राज सत्ता में बैठे लोग नेस्तनाबूद हुआ करते है । सपा के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय"कान्हजी"ने कहा कि सत्य छापने वाले लोगो एव सत्य दिखाने वाले लोगो से भाजपा के सरकार को नफरत है, देश के कई नामी और बड़े पत्रकारों की आज जो दशा है वह इस सरकार के मंशा को उजागर करने के लिए काफी है। ये लोग लोकतंत्र का अपहरण कर सत्ता में बने रहना चाहते है।
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