आखिर राजकीय बालिका गृह से फिर क्यों हुई फरार एक दर्जन संवासिनियां,आधे दर्जन कर्मी निलंबित, डीएम ने दिए जांच के आदेश

बलिया। राजकीय बालिका गृह निधरिया से मंगलवार की आधी रात बाद करीब दो बजे 12 बालिकाएं पलायन कर गयी। घटना को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अदिति सिंह ने घटना की जाँच के लिए एसडीएम सदर जुनैद अहमद और जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज की समिति गठित कर तत्काल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। जाँच में ड्यूटी पर तैनात दो महिला होमगार्ड रमावती देवी व लीला देवी तथा दो पुरुष होमागाईस हंसराज यादव और छोटेलाल यादव के अलावा दो विभागीय कर्मचारी राजेश और बीरबल यादव प्रथम दृष्टया दोषी पाते गये। जिन्हें निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही के लिए निदेशक, महिला कल्याण और जिला कमाण्डेन्ट होमागार्ड को पत्र लिखा गया है।लेकिन पुलिस की तत्परता से सभी बालिकाओं को  बरामद कर लिया गया। इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी समर बहादुर सरोज ने बताया कि प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए लापरवाही बरतने के दोषी चार होमगार्ड और दो विभागीय कर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार राजकीय बालिका गृह में बालिकाओं की सुरक्षा व्यवस्था में दो महिला और दो पुरुष होमगार्डस के साथ दो विभागीय कर्मचारियों की २४ घंटे ड्यूटी लगायी जाती है। गत मंगलवार की मध्य रात में अचानक 12 बालिकाएं निकेतन से  पलायन करने के बाद संस्थान की अधीक्षिका ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दी। इसके बाद सक्रियता दिखाते हुए पुलिस ने  रोडवेज और रेलवे स्टेशन में तलाशी के साथ ही दबिश देकर पलायन करने वाली बालिकाओं को बरामद कर राजकीय बालिका गृह पहुंचा दिया। जाँच में ड्यूटी पर तैनात दो महिला होमगार्ड रमावती देवी और लीला देवी तथा दो पुरुष होमागाईस हंसराज यादव और छोटेलाल यादव के अलावा दो विभागीय कर्मचारी राजेश और बीरबल यादव प्रथम दृष्टया दोषी पाते गये। उल्लेखनीय है कि बालिका गृह मैं आए दिन उस में रह रही बालिकाएं ऐसा साहस क्यों करती हैं। शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार क्या यहां की बालिकाओं को मंशा के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। और यहां पर तैनात अधिकारी और कर्मचारी जो वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात हैं उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, अन्यथा वह यहां से पलायन करने का कभी प्रयास नहीं करती।इस ओर जिला प्रशासन का ध्यान तत्काल अपेक्षित है। अन्यथा ऐसी घटनाओं की पुनरावृति को रोक पाना सम्भव नहीं होगा ।

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