बलिया। प्रदेश सरकार के नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि अगर पूरे प्रदेश में क्रय केन्द्रों को तत्काल खोल कर सभी किसानों से गेहू ख़रीद पूर्ण रूप से नहीं की गयी तो समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन छेड़ेगी और किसान विरोधी इस सरकार को सत्ता से बेदखल करने तक आंदोलन चलाएगी। उन्होंने कहा कि किसान अपना गेंहू क्रय केंद्रों पर बेचने के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है और मुख्यमंत्री उड़न खटोला से जिला-जिला चुनावी समीकरण ठीक कर रहे हैं। किसानों का गेंहू बारिश के पानी में भींग कर सड़ रहा है। मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे है। "किसान बेहाल बिचौलिए और दलाल खुशहाल और सरकार मालामाल" के तर्ज पर प्रदेश की सरकार चल रही है। उक्त बातें उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता श्री चौधरी ने 18 जून को मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ के बलिया आगमन पर तंज कसते हुए कहा।नेता प्रतिपक्षने कहा कि अन्नदाता अपना खून पसीना एक कर मन में अनेको अरमानो के सपनों को समेटे खेत से अन्न उत्पादन करता है। वही अन्न लेकर जब वह सरकार द्वारा निर्धारित क्रय केन्द्रों पर जाता है तो वह कई दिनों तक कतार में खड़े रहने के बाद भी उसका गेंहू नहीं लिया जाता। ऊपर से उसका गेंहू बारिश के पानी में भींग कर सड़ने लगता है तो वहाँ सिर्फ उस गेंहू पर पानी नहीं गिरता बल्कि अन्नदाता के अरमानों और सपनों महल भी शाही हो जाता है। जो वर्तमान में प्रदेश के अन्दर हो रहा है। सरकार की नाकामी और गलत नीतियों के कारण किसान खून के आँसू रो रहे है। ऊपर से सरकार में बैठे लोग बड़े-बड़े विज्ञापन छपवाकर अपनी पीठ स्वयं थपथपा रहे हैं।जबकि जमीनी हकीकत यह है कि क्रय केन्द्रों पर ताले झूल रहे है। जनपद के पिलुई क्रय केन्द्र पर किसान पंद्रह-पंद्रह दिनों से ट्रैक्टर और अन्य साधनों पर गेहूं लेकर खड़े है पर उनकी समस्याऔं को कोई सुनने को तैयार नही है। वही स्थिति शेरिया क्रय केन्द्र, राजपुर क्रय केन्द्र सहित जनपद के समस्त क्रय केंद्रों की बतायी जा रही है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों से बात करने पर जवाब मिल रहा है कि क्रयकेन्द्र ऑनलाइन हो गए हैं और मुख्यालय यानी लखनऊ से ही सिस्टम लॉक कर दिया गया है। जो भाजपा सरकार के द्वारा किसानों के साथ किये जा रहे छल का प्रमाण है। मुख्यमंत्री की इस हवाई यात्रा चुनावी यात्रा की संज्ञा देते हुए की मुख्यमंत्री चुनावी यात्रा को एक दो दिनों के लिए रोक कर के अपनी मूल जिम्मेदारी है समझते हुए प्रदेश के किसानों के समस्याओं का निराकरण करे अन्यथा प्रदेश के किसानों की आह उनके राजनैतिक जीवन को समाप्त कर देगी।
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