बलिया। विकास खण्ड हनुमान गंज अन्तर्गत सागर पाली गांव स्थित राकेश स्नैक पार्क में सांपों के पार्क तक पहुंचाने की रफ्तार भी कोरोना संक्रमण के प्रसार के कारण इन दिनों थमी हुई है। फिलहाल स्नैक प्रजनन केन्द्र पर मात्र ३०-३५ की संख्या ही सांपों की उपस्थिति बताती जा रही है। जिनमें गेहुअंन,करैत,कोबरा, नस्लों के ही सांप देखें जा सकते हैं।स्नैक पार्क के कर्मचारी राधेश्याम ने बताया कि मौसम के हिसाब से इन सांपों को रखने और खाने की व्यवस्था किया जाता है। सांपो के पार्क की स्थापना करने के बारे में बताया कि यहां से अलग अलग सांपों का विष संग्रहित कर बम्बई, हैदराबाद,पूना, कलकत्ता की प्रयोगशाला में औषधि आदि के निर्माण कें लिए भेजा जाता है। राकेश स्नेक पार्क के स्वामी राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया कि सांपों में विष वमन प्रजातियों के अनुसार करते हैं जैसे गेहूंअन महिने में दो बार अर्थात १५ दिन में एक बार अपना जहर उगलता है। उन्होंने बताया कि २०१० से उनकी संगत सांप वाले मदाड़ियों के सम्पर्क में होने के बाद इसके जहर और जहरिले कारोबार के बारे में जानकारी हुई तो इसकी उत्सूकता बढ़ीं और सांपो की इकठ्ठा करने के लिए कहीं भी सांप निकलने की सूचना पर छोटे लाल जी के साथ जाकर सांप पकड़ने और उसे लाकर उसे सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती सामने आने लगी, जिसके लिए पार्क बनाया उसमें भी कई तरह के विरोधों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन अब आसपास के लोगों हमें हमेशा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि आबादी वाले गांव अथवा शहर के मकानों में जहां सांप निकलता वहांके लोगों हमें सूचना देकर बुलाते हैं तब वहां जाकर सांप पकड़कर जिन्दा लाकर अपने पार्क में छोड़ देते हैं।लाक डाउन और पुलिस के खौफ से पार्क के लिए सांप लेकर आना जाना अब काफी कठिन हो गया है।इस लिए सांप के जहर का यह शौक अब महंगा लगने लगा है। इसके सम्बंध में देश की विभिन्न संस्थाओं से जानकारी भी एकत्रित किया जा रहा है।कोरोना काल समाप्त हो जायेतो इस पार्क को और भव्य और आकर्षक बनाने की योजना बनाई गयी है।
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