यूपी बिहार को जोड़ने वाला जय प्रभा सेतु एप्रोच क्षतिग्रस्त, आवागमन ठप, वाहनों की दोनों ओर लगी भारी वाहनों की कतार

बलिया । बैरिया स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर बने मांझी घाट के समीप यूपी -बिहार को सड़क मार्ग से जोड़ने वाला जयप्रभा सेतु का दक्षिणी एप्रोच मार्ग यास तूफान के कारण हुई बारिश  से  कटकर ध्वस्त हो गया है। फिलहाल उत्तर प्रदेश और बिहार की बार्डर पुलिस ने पुल के रास्ते होकर भारी  आने जाने  भारी वाहनों पर रोक लगा दी है। जयप्रभा सेतु के दक्षिणी मुहाने पर लगभग पचास मीटर के ब्यास में सड़क अप्रोच मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क के नीचे का भाग पूरी तरह खोखला हो गया है। शादी विवाह से लौट रहे चारपहिया अथवा छोटे वाहनों को रोक- रोक कर सुरक्षित तरीके से  किसी तरह पार कराया जा रहा है। सेतु के ऊपर से बह रहा पानी कटाव वाले स्थान पर लगातार गिरने के कारण  सड़क पर कटाव का दायरा और भी बढ़ता जा रहा है। बरसात यदि लगातार जारी रही तो शाम तक चारपहिया को कौन कहे बाइक और पैदल आने जाने की भी जो भी सम्भावना है वह भी खत्म हो जाएगी। सेतु की  सीमेंटेड सड़क पर भी जल जमाव हो गया है।कही कही पांच से छह इंच तक जल जमाव है। सेतु की पुल की छत से पानी नीचे गिराने के लिए बनी नली के मुहाने पर मिट्टी जमा हो जाने से वहां पानी भर गया है। जिसकी वजह से सेतु की सुरक्षा पर भी खतरा उतपन्न हो गया है। सेतु के उत्तरी मुहाने पर भी एप्रोच मार्ग धंस गया है, जिससे बिहार प्रशासन का प्रवेश द्वार लटक कर टेढ़ा हो गया है। जिसके चलते उसके गिरने का खतरा बढ़ गया है। सेतु का मुहाना ध्वस्त होने की वजह से दोनों तरफ सैकड़ों लोडेड भारी वाहन फंस गए हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि बारिश रुकने के बाद ही ध्वस्त एप्रोच सड़क मार्ग की मरम्मत और निर्माण सम्भव है। स्थानीय लोगो का कहना है कि इस पुल से ओवरलोडेड गाड़िया जो क्षमता से काफी ज्यादा मात्रा में लोडकर सैकड़ो की संख्या में ट्रको द्वारा बालू परिवहन किये जाने से पुल का एप्रोच और पुल आये दिन क्षतिग्रस्त होता रहता है। बार बार शासन प्रशासन का ध्यान दिलाने के बावजूद भी विभाग कान में तेल डालकर सो रहा है।  स्थिति पर तत्काल नियंत्रण नही किया गया तो किसी भी दिन जय प्रभा सेतु पर बड़ी दुर्घटना घट सकती है।क्षेत्रीय लोगो ने जिलाधिकारी  का ध्यान पत्र के माध्यम से आकृष्ट कराते हुये ओवरलोडेड गाड़ियों के आने जाने पर अविलंब रोकने के साथ सेतु के एप्रोच मार्ग और सेतु  से जल निकासी की व्यवस्था अविलंब कराये जाने की मांग की है।

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