बलिया। जनपद में 'यास' तूफान ने गंगा नदी के डेंजर प्वाइंट पर स्पर के चल रहे कटान रोधी कार्यो पर अचानक रोक लगा दी है।गत बुधवार की शाम से हो रही लगातार बरसात की वजह से गंगा नदी के गंगापुर से केहरपुर गांव तक चल रहे काम ठप हो गये है। ऐसे में 15 जून से पहले यह काम कैसे पूरा होगा ? यह सोचकर गंगा के मुंहाने पर बसे ग्रामीणों की धड़कनें अभी से बढ़नी शुरु हो गयी है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग शुरू से ही लापरवाही बरत रही है, ताकि बाढ़ के समय तबाही मचने पर वह 'फ्लड फाइटिंग' का मजा लिया जा सकें।
ज्ञात हो कि एक-एक कर कई गांवों को गंगा नदी ने अपने पेटे में समेट चुकी है। गंगा नदी के निशाने पर अब सुघरछपरा, दुबेछपरा, गोपालपुर और उदईछपरा है। क्योंकि अब तक जो भी कार्य कराए गए हैं, उससे इन गांवों का भला होने वाला नहीं है। हर साल बाढ़ विभाग कोई न कोई नया पैंतरा अपना लेती है। अब तक बाढ़ विभाग ने राष्ट्रीय राजमार्ग को बचाने के नाम पर मझौवां से लेकर पचरुखियां तक कुल छोटे बड़े 13 स्परों का निर्माण कराया है, लेकिन एक भी गांव को बचाया नहीं जा सका। इतना ही नहीं एनएच 31 की मुश्किलें भी कम नहीं हुई। इसी तरह दुबे छपरा रिंग बंधा पर बाढ़ विभाग के द्वारा सुरक्षात्मक कार्य कराया गया था, लेकिन वर्ष 2019 में बंधे को बचाया नहीं जा सका वह गंगा की लहरों में बह गया,और बाढ़ विभाग वहां पर परियोजना को ही छोड़ दिया। उक्त विभाग गंगापुर से चौबे छपरा तक नया पैंतरा शुरू किया। यहां करोड़ों रुपए की परियोजना पर कार्य चल रहा है। केहरपुर में कोरम पूरा करने के लिए कुछ बालू से भरी बोरियां गंगा की तलहटी में डाली गई है। वहां बम्बू क्रेट विधि से कटान रोकने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक बाढ़ विभाग द्वारा कराए गए कार्यो पर नजर डाला जाए तो जहां भी बाढ़ विभाग ने काम कराया, वह काम गंगा की उफनती लहरों के सामने बौना साबित हुआ। देखना यह है कि इस बार बाढ़ विभाग समय सीमा के भीतर काम कैसे पूरा कराता है, जबकि मानसून का समय नजदीक है। वहीं ठेकेदारों की मनमानी और मानकों की अनदेखी के बावजूद विभाग असहाय नजर आ रहा है। इस बाबत बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता संजय कुमार मिश्र ने बताया कि 'यास' तूफान के चलते काम की रफ्तार धीमी पड़ गयी है। मौसम ठीक होते ही युद्ध स्तर पर कार्य होगा। कार्य में लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएंगे।
0 Comments