लालगंज, (बलिया)।विषाणु की विकरालता किस हद तक कहर बरपा रही है, इसकी एक बानगी दलन छपरा पासवान बस्ती में देिखने को मिली। को कोरोना संक्रमण से तीन बच्चों की मां का निधन हो गया। उनके पिता पहले ही इस दुनिया छोड़ चुके हैं। बच्चों की दादी जिंदा हैं। लेकिन मासूमों की परवरिश में अक्षम हैं। छह साल का बेटा मां को मुखाग्नि देने के बाद श्राद्ध कर्म में लगा है। लेकिन उसको भी नहीं पता आगे क्या होगा। अब बच्चों का भविष्य किस करवट बैठेगा, सोच कर शरीर में सिहरन पैदा हो जा रही है । दोकटी थाना क्षेत्र के दलन छपरा पासवान बस्ती में एक सप्ताह पूर्व कोरोना संक्रमित पूनम देवी (35) पत्नी स्व. संतोष पासवान की मौत हो गई। उसकी तीन संताने हैं। जिसमें रूबी (13) , काजल (10) और सबसे छोटा बेटा अंकुश (6) है। बेटा मां को मुखाग्नि देने के बाद श्राद्ध कर्म में लगा हुआ है। बच्चों की दादी फुलेश्वरी देवी पत्नी स्व. फुल देव पासवान जीवित है।
दादी के बूढ़े कंधों पर बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी आ गयी है। उनके कंधों में इतनी भी ताकत अब नहीं बची है कि वे बच्चों की देखभाल कर सके। घर के हालात बद से बदतर है। परिवार की दशा देख लोगों की आंखें नम हो जा रही हैं। बच्चों को देख सभी हैरान हो जा रहे हैं। लेकिन काल के इस चक्र के आगे सभी की बोलती बंद हो जा रही है। उपजिलाधिकारी बैरिया प्रशांत कुमार नायक से दलन छपरा के क्षेत्र पंचायत सदस्य सुशील कुमार मांग किया है। उन्होंने उस परिवार को मदद भी किया है। लेकिन उस मदद के सहारे पांडेय ने आर्थिक मदद की करना सम्भव नहीं है। उन्हें ठोस मदद की जरूरत है। ताकि परिवार चल सके और बच्चों की पढ़ाई गतिमान रह सके। इसके लिए शासकीय मदद के साथ-साथ समाज सेवा से जुड़े लोगों को आगे आना होगा। तभी बच्चों की समुचित व्यवस्था हो सकेगी। अन्यथा कि स्थिति में देश के भविष्य खतरे बच्चों को जीवन यापन में पड़ जायेंगे।
रिपोर्टर डी एन पाण्डेय की विशेष रिपोर्ट
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