बलिया। साहित्य और कविता आपकी ज़िंदगी को बेहतर और संवेदना से भरपूर बनाते हैं। आप चीज़ों को ज़्यादा गहराई और शिद्दत से महसूस कर पाते हैं। अच्छा साहित्य आपकी सोच के दायरे खोलता है, आपको संवेदनशील और परिपक्व बनाता है और आपको ख़ुशी से सराबोर तो करता ही है।उक्त बातें ग्रामसभा घोड़हरा निवासी हिन्दी एवं साहित्य के विद्धान और अपनी रचना से हिंदी बोल इंडिया जैसे तमाम चैनलों पर धूम मचाने वाले युवा साहित्यकार एवं कवि तुलसी सोनी के है। छोटे से गांव में रहकर अपनी हिन्दी प्रेम और हिन्दी में विशेष रूचि का नजीता है कि हिन्दी बोल इंडिया जैसे बड़े बैनर पर उनकी रचना लगतार प्रकाशित हो रही है। उनकी रचनाओं में हिन्दी और मिट्टी की खुश्बु आती है। उनकी रचना बैर न पालो, हे भविष्य के सूर्य, अमीर और गरीब ये रचनाएं लगातार वर्तमान परिस्थितियों पर अपने लेखनी से प्रहार कर स्थिति सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। एक प्रतिष्टित न्यूज पोर्टल बीकेडी.टीवी.इन से खास बातचीत में तुलसी सोनी ने बताया कि सभ्यता की शुरुआत से, साहित्य की आदिम विधाओं में कहानी और नाटक के साथ गीत और कविताएँ भी शामिल रहे हैं। मानव सभ्यता की शुरुआत से, इंसान का लय और गीतों से ख़ास रिश्ता रहा है। कविता इंसान को हमेशा से आकर्षित करती रही है और इंसान ने कविता में ज़िंदगी के सबसे ख़ूबसूरत पलों को भरपूर जिया है!
कहा कि “कविता मनोवेगों को उत्तेजित करने का एक उत्तम साधन है। कविता हमारे मनोभावों को उच्छ्वसित करके हमारे जीवन में एक नया जीव डाल देती है। हमें जान पड़ता है कि हमारा जीवन कई गुना अधिक होकर समस्त संसार में व्याप्त हो गया है।” तुलसी सोनी ने कहा कि कविता हमें नए जीवन का संचार करती है और हमें ज़िंदादिल बनाती है।
उन्होंने कहा कि युवा कवियों को शब्दों के जाल में नहीं फंसना चाहिए। कविता लिखने से पहले पढऩा और समझना बहुत जरूरी है। कवि जो भी लिखे पहले उसे अपने आस-पास के माहौल में ढाले। कविताओं में भावना होनी चाहिए, जो भी लिखे दिल से लिखे। कविता जिंदगी में ऑक्सीजन की तरह है। लेखन की राह आसान नहीं। अपने आसपास देखिए। कविताएं अपनापन दर्शाती हैं। हम किस शहर के हैं, कहां रहते हैं, क्या परिस्थिति है इसकी झलक कविताओं में दिखनी चाहिए। तुलसी सोनी ने बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि किसी के कहने पर नहीं बल्कि अपने दिल की बात सुनकर कविताएं लिखिए।
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