महिलाओं के आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मबल से ही बदलेगी गांव की तस्वीर-- पुनिता देवी—बोली— महिलाओं के अधिकारों के लिए करूंगी विशेष कार्य

बलिया ।त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथि जैसे—जैसे नजदीक आ रही है। वैसे—वैसे प्रत्याशियों की धड़कने और प्रचार तेज हो गयी है। हर प्रत्याशी चुनाव के महापर्व में अपनी जीत पक्की करने के हर स्तर पर उतरते हुए जनसंपर्क की बैतरणी से पार कर लेना चाहता है। लेकिन सच यही है कि फतह उन्हीं को मिलती है जो जनता से जुड़े मुद्दों को साथ लेकर चलते है। खासकर जब बात महिलाओं की हो महिला प्रत्याशी होने के नाते महिलाओं के हक—हकूक की हो तो महिलाएं भी अपनी बात सबके सामने रखने का प्रयास कर ती है।  इस चुनावी समर में विकास खंड दुबहड़ अंतर्गत ग्रामसभा घोड़हरा की शिक्षित और जागरूक प्रत्याशी पुनिता देवी  ने जब महिलाओं की अधिकारों और उन्हें सम्मान का मुद्दा उठाया, तो महिलाएं भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर  अपना भरपूर सहयोग उन्हें देना शुरू कर दिया है। 
महिला आरक्षित सीट पर अपनी पेशकदमी करते हुए लोगों से रूबरू होती  पुनिता देवी का कहना है कि परिवार और रिश्तों को संजोने-सवारने का  दायित्व निभाने वाली महिला आज अपने अधिकारों से वंचित क्यों है। कहा कि महिलाओं की दशा सभ्यता व संस्कृति का पैमाना होती है। यदि हमें किसी भी सभ्यता या संस्कृति के स्तर का निर्धारण करना है, तो महिलाओं के हकों को दिलाना जरूरी है। कहा कि महिलाओं के अधिकारों के लिए उनका विषेश प्रयास रहेगा। पुनिता देवी ने कहा कि महिलाओं के आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मबल बढ़ने से ही गांव में असली विकास होगा। कहा कि हमारा लक्ष्य है कि महिला सीट होने का सबसे ज्यादा लाभ गांव की महिलाओं को मिले। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महिलाओं के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति उन्हें जागरूक किये बिना विकास की तस्वीर कभी पूरी नहीं हो सकती है।

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