बलिया। हमारे देश में हर दिन कहीं न कहीं किसी न किसी पद के लिए चुनाव होता रहता है। लेकिन पंचायत चुनाव का अलग महत्व है। काफी वर्षो बाद बलिया जनपद के विकास खंड दुबहड़ अंतर्गत ग्रामसभा घोड़हरा में अनुसूचित जाति महिला सीट आरक्षित है। जिसके लिए लगभग अभी तक 11 प्रत्याशियों ने ताल ठोक दी है। लेकिन इनमें से सबसे युवा महिला और हाई प्रोफाइल (पढ़ी—लिखी) महिला उम्मीदवार पुनिता देवी पुत्रवधु पूर्व प्रधानाध्यापक अकलू राम की है। जिन्होंने चुनाव में उतरने का फैसला इसलिए लिए किया ताकि महिलाओं के सम्मान और उनका अधिकार दिला सके प्रधान प्रत्याशी पुनिता देवी* ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वो बदलाव और विका की सोच के साथ अबकी बार चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा कि उनका चुनाव लड़ने का मकसद महिलाओं के अधिकार, सम्मान एवं हक उन्हें दिलाना है। "महिलाओं को पंचायत चुनाव में भागीदारी न मिल पाने के लिए पुरुषों को दोष देना गलत है। इसके लिए महिलाएं खुद ही जिम्मेदार हैं। उन्हें खुद आगे आकर गांव की राजनीति को स्वीकार करना चाहिए, अब वक्त बदला रहा है उन्हें अपने अधिकारों के लिए आगे आना ही होगा।
प्रधान पद की महिला प्रत्याशी ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था से ग्रामीण महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार तो आया है। परन्तु अभी भी महिलाऐं इतनी सशक्त नहीं हुई हैं कि इस व्यवस्था में अपनी जोरदार भूमिका निभा सके। इसके लिए महिलाओं को भी निडर होकर आगे आना होगा। कहा कि ग्राम पंचायत-स्तर पर विकासात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहन दे सकती हैं। मेरी पहली प्राथमिकता होगी महिलाओं से जुड़े समस्याओं को दूर कर उन्हें गांव में स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का। कहा कि जब तक गांव की महिला प्रसन्न नहीं होगी तब तक समूचें गांव को खुशहाल नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने खासकर महिला वोटरों से अपील किया है कि वे अपने अधिकारों को पहचाने। महिलाओं की समस्या दूर करने के लिए इस बार हमारा साथ दे।
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