बलिया। गोंड़- खरवार जाति के लोगों को पंचायत चुनाव में आरक्षण के लाभ से वंचित करने की साजिश बलिया सहित पूर्वांचल के कई जनपदों में की जा रही है। यह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली एवं संवैधानिक व्यवस्था के साथ मजाक है। ये बातें नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने बुधवार को जारी अपने बयान में कही।श्री चौधरी ने कहा है कि प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव में जनपद की आरक्षित जनजाति के पदों के लिए संशय की स्थिति पैदा कर सरकार और शासन अपने ही आदेश का मजाक उड़ा रही है। एक तरफ आरक्षण सूची जारी कर उसमें जनजाति के लिए सीट आरक्षित किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ गोड़ व खरवार जाति के लोगों को जनजाति का प्रमाणपत्र ही नहीं जारी किया जा रहा और इनकी संख्या जिले में जीरो दिखाया जा रही है। जिससे सरकार द्वारा जारी आरक्षण व्यवस्था मजाक बनकर रह गई है।श्री चौधरी ने कहा कि जब प्रदेश में सपा की सरकार थी तो जनपद में गोड़ व खरवार जाति के लोगों को जनजाति का प्रमाणपत्र निर्गत किया गया था। जिसका लाभ इन जातियों के लोगो को मिला। पिछले पंचायत चुनाव में गोड़ व खरवार जाति के लोगों ने ग्राम सभाओं के प्रधान, क्षेत्र पंचायतों के सदस्य और प्रमुख के चुनाव में हिस्सा लिया। जिला पंचायत के सदस्य भी निर्वाचित हुए। जिससे उन जातियों के लोग सामाजिक रूप से मुख्यधारा में आए, लेकिन वर्तमान में उन्हें रोक कर पंचायती राज व्यवस्था और लोकतंत्र के प्रति उनके विश्वास को कमजोर किया जा रहा है। जिसकी सपा कड़े शब्दों में निन्दा करती है।श्री चौधरी ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था तभी मजबूत होगी जब समाज के सभी वर्ग की उसमे सहभागिता होगी। समाज के कमजोर तबके के एक हिस्से को चुनाव से वंचित करके सामाजिक असमानता को जनपद में बढावा दिया जा रहा है। शासन को तत्काल इस मामले को संज्ञान में लेकर जनपद में निवास करने वाले गोंड़ - खरवार जाति के लोगो के साथ न्याय करना चाहिए। इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन को मैंने पत्र लिख कर भी अनुरोध करूंगा। कहा कि सपा और हमारे नेता अखिलेश यादव हर कदम पर गोंड़ एवं खरवार जाति के साथ खड़े हैं।
0 Comments