बलिया। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राजनीति की सरगर्मी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। गड़वार ब्लाक अंतर्गत अधिकतर ऐसे गांव है जहां शाम के वक्त काफी चहल-पहल भी देखी जा रही है। चाय की चुस्कियों के साथ राजनीति का माहौल गरमा रहा है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भारती सिंह के परिवार के ही लोगों का १९८२ से २०२० तक कब्जा रहा। १९८२ से १९९५ तक भारती सिंह के ससुर सुग्रीव सिंह प्रधान रहे। इसके बाद १९९५ से २०१० सुग्रीव सिंह के भवह उर्मिला सिंह पत्नी हरेंद्र सिंह प्रधान रही। फिर २०१० से २०१२ तक सुग्रीव सिंह पुन: प्रधान बने। जबकि ईश्वर की कृपा के अनुसार २०१२ में ही इनकी मृत्यु हो गई और २०१२ के बाद इनकी दूसरी भवह गोल्डन सिंह पत्नी ओमप्रकाश सिंह प्रधान पद पर २०२० तक कायम रही। ३८ वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है यह सीट अनुसूचित जाति के झोली में चली गई। जिसके चलते पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का परिवार चुनाव लडऩे से वंचित हुआ। ऐसे कहा जाय तो ३८ साल की राजनीति पहली बार ऐसा होगा जब उनके कुनबे से कोई चुनावी मैदान पर नहीं होगा।
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