बलिया। जिलाधिकारी के आदेश संख्या - 1213 / प्र0प०लि० दिनांक 3 फरवरी, 2021 जो डीएम श्री हरि प्रताप शाही के हस्ताक्षर से जारी किया गया है, के अनुसार गोंड जाति के व्यक्तियों को 1356 एवं 1359 की खतौनी के आधार पर जिन लोगों के पास भूमि उपलब्ध नहीं है वे अपने रिश्तेदार के नाम की वर्ष 1356 एवं 1359 फसली की खतौनी के साथ आवेदन करेंगे गाँव के तथा आस-पास के निर्विवादित परिवारों से स्थलीय पूछताछ / जांच पड़ताल की जायेगी ।साक्ष्य के रूप में कुटुम्ब रजिस्टर, शैक्षणिक संस्थाओं की टी0सी0 को आवेदन पत्र के साथ संलग्न किया जाय। नियमानुसार कार्यवाही न करने पर सम्बन्धित तहसीलदार / लेखपाल के विरुद्ध अनुशानात्मक कार्यवाही की जायेगी। उक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश जिलाधिकारी द्वारा समस्त उपजिलाधिकारीएंव तहसीलदार को दिया गया है ,इसके बावजूद भी तहसीलदारगण और लेखपालगण द्वारा उक्त डीएम के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।जो घोर अनुशासनहिनता की जा रही है। बैरिया तहसीलदार शिवसागर दूबे जी का कहना है कि केवल 1356 व 1359 फसली पर्याप्त नहीं है। सन् 1950 से पहले की टी0सी0 शैक्षणिक प्रमाण भी चाहिए जो अनुचित है क्योंकि सन् 1950 से पूर्व जनजाति गोंड परिवारों में शायद ही कोई पढ़ा लिखा हो। बैरिया तहसीलदार श्री दुबे जी अपना सम्पूर्ण पी०सी०एस० का ज्ञान गोंड लोगों के खिलाफ लगा देना चाहते हैं। कुँवर सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय छात्रसंघ के वर्तमान महामंत्री कृष्ण कुमार गोंड और पुस्तकालय मंत्री दीपक प्रसाद गोंड ने संयुक्त रूप से कहा कि खतौनी 1356 फसली भी सन् 1950 से पूर्व की ही होती है जिसे न मानकर तहसीलदार व लेखपालगण संविधान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के शासनादेश व उच्च न्यायालय के निर्णय की घोर अवहेलना कर रहे हैं । जिलाधिकारी अपने लिखित आदेश करने के बावजूद भी मुकदर्शक की भूमिका में तहसीलदार बैरिया की हां में हां मिलाने का काम कर रहे हैं। कुंवर सिंह महाविद्यालय छात्र संघ के महामंत्री कृष्णा गोंड और पुस्तकालय मंत्री दीपक गोड के संयुक्त नेतृत्व में जनजाति गोंड छात्रों द्वारा हाथों में तख्ती लेकर वर्ष 1950 की खतौनी 1356 फसली के आधार पर जनजाति गोंड का जाति प्रमाण पत्र जारी करो नारे के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुये ज्ञापन उनके प्रतिनिधि अतिरिक्त उपजिलाधिकारी को सौंपा गया। छात्र नेताओं ने आगे कहा कि जाति प्रमाण पत्र के अभाव में जनजाति गोंड छात्र अगली कक्षा में प्रवेश, छात्रवृत्ति और नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रवेश लेने से वंचित हो जा रहे है। हम अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हेतु किसी भी हद तक संघर्ष करने का काम करेंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिलाप्रशासन और तहसीलदारगण की होगी। इस अवसर पर मुकेश कुमार गोड,दीपक कुमार गोंड, सोनू कुमार गोंड, शिवाकुमार, दिलीप कुमार गोंड, धनजी गोड, राहुल गोड, सुरेश गोंड, ललन , मनोज शाह, अरविन्द गोंडवाना मौजूद रहे।
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