बलिया।सम्पूर्ण क्रांति यादगार दिवस और विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर (५ जून ) पर लाक डाउन को ध्यान में रखते हुए अपने आस-पास रहने रहे हमारे दुखी मजदूरों की मदद में किसी भी रूप में इस मौके जरूर खड़े हों।कोरोना के मुकाबले के लिए फिजिकल दूरी बनाएं लेकिन दिलो में किसी प्रकार की दूरीं को स्थान न दें अपने घरों से चीन के समान को भारत का अपमान समझकर ऐसी विदेशी चीजों का वहिष्कार करते हुए अपने -अपने दरवाजों पर लिखेंकि स्वदेशी अपनाएं - देश बचाएं। जुल्म का विरोध हर हाल में करें, लेकिन संकल्प के साथ, हमला चाहे जैसा होगा- हाथ हमारा नहीं उठेगा।वोट जरूर दें लेकिन उनको नहीं जो अपराधी हैं या अपराध को संरक्षण देने वाले हैं।5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस भी इसलिए लोक नायक जयप्रकाशजी की याद में कम से कम एक पौधा का अवश्य रोपण करें, किसी भी रूप में पानी का दुरुपयोग नहीं करें, और कुएं-तालाबों को फिर से जिंदा करने का एक जूट होकर प्रयास करें,गंगा नदी को दूषित करने वाली आदतों का तिरसकार करें । उक्त उद्गार जेपी विचार मंच के संयोजक एवं सम्पूर्ण क्रांति यादगार दिवस तैयारी समिति के आयोजन द्विजेंद्र कुमार मिश्र ने व्यक्त किया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जो भी साथी सम्पूर्ण क्रांति के हमारे कर्तव्य अभियान में सम्मलित होंगे उनका स्वागत हैं, वह अपने अपने यहाँ उपरोक्त का बैनर के साथ 5 जून के कार्यक्रम में इसी बैनर का उपयोग करें। ध्यान रहे, हम कोरोना के निर्मम दौर से गुजर रहे है, इसलिए हमारे कर्तव्य पालन के समय भी हमारी संख्या अधिकतम चार से अधिक नहीं होनी चाहिए, फिजिकल दूरी के साथ, लाकडाउन के नियमों का पालन करते हुए, सम्पूर्ण क्रांति दिवस का आयोजन अपने-अपने घरों में ऐतिहासिक रूप से करें। और हमारे इस अभियान को यादगार बनाने में सहयोग करें।
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