गर्भावती महिलांए आशाओं की सहायता से पायें मातृ वन्दना योजना का लाभ

 प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

— पहली बार गर्भवती होने पर तीन किश्तों में मिलता हैं पांच हजार रूपये 

बलिया। कोरोना संक्रमण के चलते स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से लोग वंचित न होने पाएं। इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का नियमित लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है। नई व्यवस्था में अब आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां और बढ़ गयी है। अब आशा के माध्यम से लाभार्थी फार्म जमाकर योजना का लाभ ले सकेंगे। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (आरसीएच) डा. सुधीर कुमार तिवारी ने बताया कि कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाने की व्यवस्था के तहत क्षेत्रवार आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गयी है। आशा कार्यकर्ता लाभार्थियों के फार्म जमा करेंगी। इसके लिए लाभार्थी फोन कर आशा को नियत स्थान पर बुलाकर फार्म जमा करा सकेंगे। योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक इमरान अहमद ने बताया कि कोविड-19 के चलते लाभार्थी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के फार्म कार्यालय में जमा नहीं करा पा रही हैं। इसके लिए क्षेत्रवार आशा व एएनएम के नाम और फोन नबंर की सूची जारी की गयी है। लाभार्थी अपने क्षेत्र की आशा व एएनएम से संपर्क कर योजना का लाभ उठा सकते हैं। योजना के लिए आवेदन फार्म सिफ्सा की वेबसाइट (https://www.sifpsa.org) पर भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया सामान्य दिनों में आशा कार्यकर्ता क्षेत्रों में शिविर लगाकर योजना के फार्म एकत्रित कर लेती थीं। वेरिफिकेशन सहित अन्य जरूरी औपचारिक कार्यवाही करके फार्म सम्बन्धित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जमा करा देती थीं। लाभार्थी सीधे भी फार्म जमा कर सकते थे, परन्तु अब यह सभी प्रक्रिया आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से होगी।

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यह जानकारी है खास: इमरान
बलिया। इमरान ने बताया कि योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में पांच हजार रुपये की धनराशि दी जाती है। चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो। पंजीकरण के लिए लाभार्थी महिला तथा पति का आधार कार्ड व लाभार्थी के बैंक अकाउंट (पासबुक की फोटो कापी) की डिटेल जरूरी है। लाभार्थी का निजी अकाउंट ही मान्य होगा। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रामाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रूपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर (गर्भावस्था के छः माह बाद) दूसरी किश्त के रूप में 2000 रूपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रूपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ही किये जाते हैं। बताया कि जनपद में माह जून 2020 के लक्ष्य 56,332 के सापेक्ष अभी तक 88 फीसदी से अधिक 49,666 लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है। अब तक लगभग 19.66 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से पहुंचाए जा चुके हैं।
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