महागठबंधन का प्रत्याशी घोषित ना होना , आम मतदाताओं के लिए बनी पहेली

बलिया। जनपद में चुनावी माहौल गर्म आ रहा है, परंतु सभी राजनीतिक दलों द्वारा अब तक अपने अपने दल के प्रत्याशियों की घोषणा ना किए जाने से  आम मतदाताओं में  ओ हा पोह की इसकी बनी हुई है। पिछले दिनों सत्ता पक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी ने बलिया संसदीय सीट से वीरेंद्र सिंह मस्त को अपना प्रत्याशी यह कहते हुए घोषित किया है की वे भा जा पा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उन्होंने किसानों के लिए विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से उन्हें हक दिलाने का काम किया है। इसीलिए वे भाजपा के बार बार सांसद रह चुके हैं कभी मिर्जापुर से तो कभी भदोही से इनका चुना जाना इस बात का सबूत है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने अब तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा न किए जाने से समाजवादी कार्यकर्ताओं और महागठबंधन के सदस्य बसपा के लोगों में निराशा की लहर दौड़ रही है। लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि सपा बसपा गठबंधन आखिर अपने प्रत्याशियों  की घोषणा कब करेगी। ठीक यही स्थिति कांग्रेस पार्टी की भी है ,जहां अब तक बलिया संसदीय सीट ही नहीं पूर्वांचल की अधिकतर सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा पार्टी हाईकमान द्वारा नहीं की गयीं है,प्रत्याशी आगमन के पश्चात  उनका चेहरा भी सामने आ  जाएगा। गठबंधन को कम से कम एक-दो दिनों के अंदर अपने प्रत्याशी की तस्वीर साफ कर देनी चाहिए ताकी कार्यकर्ताओं  का मनोबल कायम रह सके। वैसे बलिया संसदीय सीट के लिए पूर्व  प्रधानमंत्री एवं समाजवाद के पुरोधा चंद्रशेखर जी के सुपुत्र नीरज शेखर के इलावा सनातन पांडेय, जयप्रकाश अंचल, जिला अध्यक्ष संग्राम सिंह यादव और अजीत मिश्र ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सम्मुख आवेदन किया है। पार्टी हाईकमान प्रत्याशियों के नामों की घोषणा में यदि इसी तरह विलंब की राह पर चलता रहा तो बलिया संसदीय एवं समाजवादी पार्टी की  पैतृक   सीट को बचा पाना कठिन हो जाएगा। अभी यहां प्रश्न यह उठता है कि सपा बसपा गठबंधन अपने प्रत्याशियों की घोषणा पहले करता है या कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा करती है। जिसकी घोषणा पहले होगी उसकी सीट सुरक्षित होगी ऐसा राजनैतिक विशेषज्ञों का मानना है ,क्योंकि नॉमिनेशन की तिथि निर्धारित हो चुकी है जिला प्रशासन द्वारा चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली जा चुकी हैं। सत्ता पक्ष अपने ताने-बाने में पिछले 3 सप्ताह से सक्रिय रूप से बूथ स्तर पर सभाएं आदि कर  करके अपने कार्यकर्ताओं को जगाने  जुट ने में लग चुकी हैं। अच्छा तो यह होगा की  शेष पार्टी भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा तत्काल कर दे, देखना यह है कि होता है क्या?

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