बलिया। प्रगतिशील भोजपुरी समाज के पदाधिकारियों ने भोजपुरी की मान्यता को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। इस दौरान डॉ रामगोविंद ने कहा कि भोजपुरी हमारी सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर भोजपुरी संस्कृति की महान परम्परा और काशी के वैभव को मटियामेट करने का आरोप लगाया। भोला प्रसाद आग्नेय ने कहा कि जिस देश के 20 करोड़ लोगों की मातृभाषा संवैधानिक दायरे से बाहर हो, वह देश विकास की दौड़ में घुटने के बल ही चलेगा। भोजपुरी क्षेत्र के गौरव को बहाल करने ले लिए उत्तर प्रदेश के 17, बिहार के 9 और मध्यप्रदेश के 1 जिले को मिलाकर प्रथक भोजपुरी राज्य के गठन की वकालत की गई। इस दौरान जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को 6 सूत्री मांगपत्र भेजा गया। इस अवसर पर सुरेश यादव, ओमप्रकाश, नंदजी नंदा, रामप्रसाद वर्मा, राजेन्द्र विद्रोही, राजकुमार यादव, श्यामलाल, झारखंडे राय, बब्बन चौधरी आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता ओमप्रकाश सिंह व संचालन रविन्द्र यादव ने किया।
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