बलिया । सरकार जितने भी चाहे जतन कर ले लेकिन नौकरशाही अपनी कारगुजारी ओं से बाल आने वाला नहीं जिसका एक उदाहरण पिछले दिनों विकासखंड दुबहड़ गांव जमुआ में देखने को मिला ,जहां राशन कार्ड में हुए खेल का सुराग मिला ,इस संबंध में गांव निवासी शारदा देवी पत्नी रमाकांत गोंड़जब राशन कार्ड का आवेदन लेकर ग्राम सचिव भरत सिंह से मिलकर जिला पूर्ति कार्यालय पहुंची और उनके आधार नंबर को ऑनलाइन किया गया तो उस पर पहले से ही उस गांव निवासी रूबी देवी का राशन कार्ड जारी किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में जब पीड़िता शारदा देवी जिला पूर्ति अधिकारी से मिली तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में हम कुछ नहीं जानते उन्होंने यह भी बताया कि उन के राशन कार्ड पर नियमित राशन कार्ड आहरण किया जा रहा है। शारदा देवी जब रूबी पत्नी सत्येन्द सिंह के यहां पहुंची और उनका राशन कार्ड और आधार कार्ड मांगा तो उनके आधार कार्ड पर जो नंबर अंकित था वह दूसरा था यह देखकर वह चौक गई और पुनः जिला पूर्ति अधिकारी को अवगत कराया। लेकिन उनका उत्तर था कि इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। यदि बारीकी तौर पर राशन कार्ड के खेल और ऑनलाइन की प्रक्रिया को गंभीरता से जांच की जाए तो जनपद के 50हजार कार्ड जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना के तहत ऑनलाइन बनाए गए हैं जिनमेंं खामियां छोड़कर खूबीया तो नहीं मिलेंगे ।ऐसी स्थिति में अनगिनत गरीब परिवार आज भी भारतीय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना का लाभ पाने से वंचित हैं ।परंतु विभाग कान में तेल डालकर मार्च पूरा करने की फिराक में व्यस्त है ,और गरीब राशन के अभाव में भूख मरी का शिकार बन रहे हैं। ऐसी अनगिनत समस्याएं हैं जो सीधे आमजन को प्रभावित कर रही हैं ,फिर भी जिला प्रशासन उनकी सुधि नहीं ले रहा है।
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