बलिया । दुबहड़ थाना क्षेत्र के शिवरामपुर गंगा पार के घाट पर सोमवार की सुबह मां को मौनी अमावस्या पर स्नान कराने आए शशिकांत पाठक (28) निवासी नियाजीपुर थाना सेमरी, बिहार की नहाते समय मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे ग्रामीणों व पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शव को खोजकर बाहर निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसके मृत होने की पुष्टि की। घटना के बाद परिजन जबरन शव लेकर घर जाने का प्रयास करने लगे, जिसकी सूचना पर कई थानों की फोर्स जिला अस्पताल पहुंच गई। पुलिस ने परिजनों को समझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शशिकांत पाठक अपनी मां दुर्गावती देवी को मौनी अमावस्या के पर्व पर गंगा स्नान करने के लिए शिवरामपुर घाट पर गंगा उसपार आए थे। मां के नहाने के बाद शशिकांत गंगा में नहाने गए, जहां वह गहरे पानी में डूब गया। किनारे पर नहा रहे लोगों के चिल्लाने पर सैकड़ो लोग इकट्ठे होकर शव खोजने लगे। सूचना पर पहुंचे ग्रामीणों ने जाल की मदद से शव को बाहर निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। उधर पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम में रखवाने के दौरान परिजनों को उसके जीवित होने की शंका हुई, जिसके बाद परिजन उसे किसी अन्य प्राइवेट अस्पताल में ले जाने की जिद करने लगे। परिजनों का कहना है कि शव के हिलने पर उसके मुंह से पानी निकला और कुछ हरकत हुई। शव में जान आने की सूचना पाकर
मौके पर क्षेत्राधिकारी डीके चौधरी, प्रभारी कोतवाल सुनील लाम्बा, परमात्मा नन्द दुबे, दुबहड़ प्रभारी संतोष कुमार, सिविल लाइन चौकी प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह, फेफना प्रभारी केके तिवारी, चौकी इंचार्ज सुभाष यादव सहित भारी मात्रा में पुलिस फोर्स अस्पताल में पहुंच गई और परिजनों की उपस्थिति में शव को पोस्मार्टम हाउस से निकालकर क्षेत्राधिकारी व सीएमएस की मौजूदगी में फिर एक बार जांच हुई, जिसमें चिकित्सकों ने परिजनों को संतुष्ट करते हुए शव के मृत होने की पुष्टि की। इनसब के बावजूद परिजन इलाज के लिए शव को दूसरे अस्पताल ले जाने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन पुलिस की तैनाती के कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इस पूरे प्रकरण के दौरान अस्पताल परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा। राजू दुबे की रिपोर्ट
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