प्रशासन को अंधेरे में रखने की आदत के बाद सीएमओ जनता को भी खोखले दावों से बहलाने में व्यस्त


बलिया। जनता से किये गए अपने वादों पर स्वास्थ्य विभाग और इसके मुखिया कितने गंभीर है, इसका उदाहरण ट्रामा सेंटर चालू करने को लेकर सीएमओ द्वारा दिए गए आश्वासन से लगाया जा सकता है। आश्वासन के 10 दिन बाद भी सीएमओ का दावा नेताओं के भाषण की तरह कोरा साबित हो रहा है, जो लोगों में चर्चा औऱ आक्रोश का सबब बना हुआ है।
ज्ञातव्य है कि जिला चिकित्सालय की दुर्व्यस्था को लेकर पूर्व मंत्री नारद राय के नेतृत्व में सपा कार्यकर्ताओं द्वारा जिला अस्पताल में विगत 7 जनवरी से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। सपा द्वारा किये जा रहे धरने को समाप्त कराने के लिए जिला प्रशासन से लगायत अस्पताल प्रशासन ने भी हर सम्भव प्रयास किया, किन्तु आंदोलन पर बैठे कार्यकर्ता अस्पताल की दुर्व्यस्था दूर करने के साथ ट्रामा सेंटर चालू करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने की मांग पर अड़े रहे। धरना के 24 घंटे बाद ही प्रशासन की नींद उड़ गई और नगर मजिस्ट्रेट डॉ विश्राम के सीएमओ डॉ एसपी राय और सीएमएस डॉ शिव प्रसाद ने ट्रामा सेंटर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान नगर मजिस्ट्रेट ने सीमित संसाधनों के बीच ही ट्रामा सेंटर जल्द चालू करने के लिए सीएमओ को निर्देशित किया। धरना के दूसरे दिन शाम को धरना स्थल पर पहुंचे सीएमओ और सीएमएस ने आंदोलन कारी सपा कार्यकर्ताओं को आश्वासन का लॉलीपॉप थमा दिया और सपा कार्यकर्ताओं ने जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था के मुखिया के वादों पर भरोसा कर अपना धरना आगामी 7 फरवरी तक के लिए स्थागित कर दिया। इस दौरान  सपा द्वारा उठाई गई मांगों में ट्रामा सेंटर को सुचारू रूप से चलाने, सीटी स्कैन, डायलिसिस, डिजीटल एक्सरे को चालू कराने, समस्त स्वास्थ्य केंद्रों पर एआरबी उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य केंद्रों पर मानक के अनुरूप चिकित्सक और स्टाफ की तैनाती के साथ ही पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा लंबित कार्यों को पूर्ण कराने की मांगें प्रमुख थी। इसके जवाब में सीएमओ द्वारा दिये लिखित आश्वासन के आधार पर कहा गया कि पेरी फेरी और जिला अस्पताल से कुल 8 चिकित्सक और 4 स्टाफ नर्स की तैनाती कर ट्रामा सेंटर एक सप्ताह में चालू कर दिया जाएगा। सीटी स्कैन का कार्य पूरा है, भाभा रिसर्च सेंटर से अनुमति मिलते ही 31 जनवरी तक सीटी स्कैन चालू हो जाएगा। डिजिटल एक्सरे को लेकर कार्यदायी संस्था द्वारा किये जा रहे सिविल कार्य 25 जनवरी तक पूरा कर इसे सुचारू किया जाएगा। डायलिसिस का कार्य लगभग पूरा हो गया है इसका सिविल कार्य भी 18 जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। सीएचसी और पीएचसी पर मानक के मुताबिक 203 के सापेक्ष 101 चिकित्सक तैनात है। इसके लिए कई बार शासन को पत्र लिखा गया है। शासन से स्वीकृति मिलते ही उनकी तैनाती कर दी जाएगी। एआरबी की व्यवस्था समस्त सीएचसी और पीएचसी स्तर पर कराई जाएगी। पूर्व सीएम के कार्यो को पूरा करने के लिए डीएम स्तर से जिला योजना की बैठक प्रत्येक माह में बुलाई जा रही है। इसके लिए जो कार्यदायी संस्था द्वारा कार्य पूरा नही किया गया, उनके विरुद्ध अर्थ दंड और रिकवरी की चेतावनी दी जा रही है। सीएमओ द्वारा दिये गए आश्वासन के आधार पर ट्रामा सेंटर चालू करने और डायलिसिस सेंटर का सिविल कार्य पूरा करने की मियाद समाप्त हो चुकी है, किन्तु आश्चर्य की बात है कि अबतक ट्रामा सेंटर पहले जैसी स्थिति में है। यहां के ताले भी अभीतक नहीं खुले। हालांकि सपा द्वारा मांगे पूरी करने को लेकर 31 जनवरी का समय दिया गया था, लेकिन ट्रामा सेंटर को एक सप्ताह में चालू करने का सीएमओ का दावा कोरा साबित हुआ।

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