विभाग की लापरवाही का ठीकरा गांव वालों पर थोड़ा संविदा कर्मियों ने अंधेरा कायम

विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल से दर्जनों गांव में पसरा अंधेरा
सिकंदरपुर (बलिया)। लंबित मानदेय को लेकर विद्युत संविदा कर्मचारियों की हड़ताल का खामियाजा क्षेत्र के दर्जनों गांव की जनता को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय विद्युत उपकेंद्र के कर्मचारियों की लापरवाही से क्षेत्र के दर्जनों गांव विगत तीन दिनों से अंधेरे में जीवन यापन कर रहे है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कर्मचारियों की हड़ताल के सामने शासन का निर्देश भी हवाहवाई साबित हो रहा है, जिसके तहत यह निर्देश जारी है कि रोस्टर के हिसाब से प्रत्येक गांव में विजली की सप्लाई होना सुनिश्चित किया गया है । इसके बावजूद क्षेत्र के दर्जनों लोगों की शिकायत और परेशानी के साथ शासन के निर्देश को दरकिनार कर बिजली फाल्ट की समस्या को दूर करने के बजाय क्षेत्रीय कर्मचारी चैन की नींद सो रहे है।
ज्ञातव्य है कि लंबित मानदेय भुगतान को लेकर विद्युत कर्मचारी लंबे समय से आंदोलनरत है। अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन को धार देने के लिए विद्युत संविदा कर्मचारी इनदिनों हड़ताल पर है। हालांकि उनकी मांगें जनता की नज़र में जायज है, किन्तु इसमें क्षेत्रीय जनता का क्या कसूर है, जिसका खामियाजा विगत तीन दिनों से क्षेत्र के दर्जनों गांव भुगत रहे है। एक मामूली फाल्ट की समस्या दूर न होने से क्षेत्र के  भटवाचक , लीलकर, बराडीह, कथवलिया, मिर्जापुर सहित दर्जनों गांवों में अंधेरा छाया हुआ है ।  यही नहीं नवानगर ब्लाक मुख्यालय की विजली भी तीन दिनों से गायब है । इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताल से सबसे ज्यादा समस्या स्कूली बच्चों को हो रही है। शाम ढलते ही पढ़ने के लिए आज के आधुनिक युग मे भी बच्चों को लालटेन और दिए का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में जनता अनायास ही कर्मचारियों ही हड़ताल और शासन की उदासीनता पर कोसने को विवश है।
इस सम्बंध में ब्लाक के कर्मचारियों ने बताया कि बिजली बाधित होने पर विभाग को कई बार सूचना दी गई, किन्तु विभागीय अधिकारियों ने इसे अबतक गंभीरता से नहीं लिया। विद्युत विभाग की लापरवाही क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश का सबब बन रही है। ---सिकंदरपुर से  एस के शर्मा  की रिपोर्ट

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