बलिया। पति की मौत के बाद ससुराल वालों द्वारा किये गए व्यवहार से क्षुब्ध एक विधवा ने अपने मासूम बच्चे के साथ कलेक्ट्रेट में अनोखा प्रदर्शन किया। विधवा महिला न्याय पाने की आस में जिलाधिकारी की गाड़ी के सामने लेट गई। जिलाधिकारी का काफिला रुकते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और महिला पुलिस ने उक्त महिला को गाड़ी के सामने से हटाने का प्रयास किया, किन्तु महिला के न हटने पर पुलिसकर्मियों ने उसे घसीटते हुए गाड़ी से दूर कर दिया। हालांकि जिलाधिकारी ने महिला की समस्या सुनकर पुलिसकर्मियों को जांच कर काररवाई करने का आदेश दिया, किन्तु एक विधवा महिला के साथ पुलिसकर्मियों का बर्ताव कलेक्ट्रेट में चर्चा का विषय बना रहा।
जिलाधिकारी को अपनी फरियाद सुनाते हुए सहतवार थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी सीमा तिवारी पुत्री बलिराम पाण्डेय ने बताया कि उनकी शादी विगत 26 नवम्बर 2011 को तीखमपुर निवासी स्वामीनाथ तिवारी पुत्र बच्चन तिवारी के साथ हुई थी। आरोप है कि शादी के दो वर्ष के भीतर के मेरे ससुराल वाले विश्वभर तिवारी पुत्र बच्चन तिवारी एवं उनकी पत्नी नीलम ने पुस्तैनी जायदाद हड़पने की नीयत से उसके पति को विगत 6 मार्च 2013 को जहर देकर मार दिया। पति की मौत के अगले दिन ससुराल वालों ने विधवा सीमा को उसके मासूम बच्चे के साथ घर से निलाक दिया। औऱ उसके भरण पोषण के लिए कोई भत्ता नहीं दिया। तब से उक्त विधवा अपनी पुस्तैनी जायदाद से हिस्सा दिलाने और ससुराल में अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसको लेकर उसने कई बार जिला और पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई, किन्तु कोई काररवाई न होने पर वह शुक्रवार को जिलाधिकारी की गाड़ी के सामने लेट गई। डीएम ने उसकी फरियाद सुनते हुए स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए कि जांच कर विधवा महिला को उसका हक दिलाया जाय।
जिलाधिकारी को अपनी फरियाद सुनाते हुए सहतवार थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी सीमा तिवारी पुत्री बलिराम पाण्डेय ने बताया कि उनकी शादी विगत 26 नवम्बर 2011 को तीखमपुर निवासी स्वामीनाथ तिवारी पुत्र बच्चन तिवारी के साथ हुई थी। आरोप है कि शादी के दो वर्ष के भीतर के मेरे ससुराल वाले विश्वभर तिवारी पुत्र बच्चन तिवारी एवं उनकी पत्नी नीलम ने पुस्तैनी जायदाद हड़पने की नीयत से उसके पति को विगत 6 मार्च 2013 को जहर देकर मार दिया। पति की मौत के अगले दिन ससुराल वालों ने विधवा सीमा को उसके मासूम बच्चे के साथ घर से निलाक दिया। औऱ उसके भरण पोषण के लिए कोई भत्ता नहीं दिया। तब से उक्त विधवा अपनी पुस्तैनी जायदाद से हिस्सा दिलाने और ससुराल में अपना अधिकार पाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसको लेकर उसने कई बार जिला और पुलिस प्रशासन से गुहार लगाई, किन्तु कोई काररवाई न होने पर वह शुक्रवार को जिलाधिकारी की गाड़ी के सामने लेट गई। डीएम ने उसकी फरियाद सुनते हुए स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए कि जांच कर विधवा महिला को उसका हक दिलाया जाय।
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