मानव सेवा को राष्ट्र धर्म बताया स्वामी विवेकानंद ने ,--अजीत मिश्रा

 बलिया ।राष्ट्रीय एकता मंच के तत्वावधान में स्थानीय टीडी पीजी कॉलेज के सभा कक्ष में आयोजित स्वामी विवेकानंद जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया । जिसका शुभारंभ मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की दीप प्रज्वलित कर किया गया । इस अवसर पर लोकसभा चुनाव के भावी प्रत्याशी एवं समाजसेवी अजीत मिश्र ने अतिथियों के सम्मान के पश्चात कहा कि स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिकता के प्रतीक होने के साथ साथ उनका राष्ट्रीय धर्म मानव मात्र की सेवा करना और उनके अंदर व्याप्त अज्ञानता के अंधकार को दूर करना रहा ,वे जीवन पर्यंत मानवता के इस संदेश को देश विदेश क्षितिज पर बिखेरने का काम करते रहे ।स्वामी जी आज भी युवाओं के प्रेरणा स्रोत है ।इस अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चेयर पर्सन डॉ ०राकेश उपाध्याय ने स्वामी जी को भारतीय संस्कृत का आध्यात्मिक एवं राष्ट्रीय धर्म का प्रतिमूर्ति मानते हुए ,उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में स्वामी जी का राष्ट्रवाद नजर आ रहा है। विशिष्ट अतिथि विभाग के विभाग प्रचारक श्री प्रकाश ने कहा कि  स्वामी विवेकानंद राष्ट्रवाद हिंदू धर्म एवं भारतीय संस्कृति पर आधारित वसुधैव कुटुंबकम का अनुशरण करते रहे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर भक्ति पुत्र काशी हिंदू विश्वविद्यालय संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान  ने कहा कि त्याग और पर सेवा भारतवर्ष का आदर्श है,जिसक स्वामी जी के प्रतीक हैं ।इस अवसर पर अध्यक्षता कर रहे हैं प्रोफेसर बनारसी राम ने कहा कि विवेकानंद राष्ट्रवाद वनस्ल से परे मानवता की प्रगति के प्रति एवं अहमियत रूपी अध्यात्म का जीवन प्रकट करता है ,इस अवसर पर रामकिंकर सिंह अनिल पांडे अमरीश शुक्ला डा०अशोक पांडेय  ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।उक्त कार्यक्रम में गौरव श्रीवास्तव संतोष दीक्षित अजय राय सुनील अंबुज लव सुधीर गोपाल आदि मौजूद रहे संचालन अरविंद शुक्ला ने किया।

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